Bihar Crime:जदयू नेता की गोली मार कर हत्या, हथियारबंद गिरोह ने की ताबड़तोड़ फायरिंग, इलाके में हड़कंप

Bihar Crime: बदमाशों ने जदयू नेता की छाती, गर्दन और आंख के पास कई राउंड फायर किया, एक ऐसा हमला जो किसी प्रोफेशनल क्राइम स्क्वाड की सोची-समझी कार्रवाई जैसा दिखा।...

जदयू नेता की गोली मार कर हत्या- फोटो : social Media

Bihar Crime:  बदमाशों ने जदयू नेता की छाती, गर्दन और आंख के पास कई राउंड फायर किया, एक ऐसा हमला जो किसी प्रोफेशनल क्राइम स्क्वाड की सोची-समझी कार्रवाई जैसा दिखा। गोली लगते ही नीलेश की मौके पर ही मौत हो गई, और बदमाश “दहशत का संदेश” छोड़ते हुए फरार हो गए।बेगूसराय जिले के छौड़ाही थाना क्षेत्र में आधी रात एक ऐसी वारदात हुई जिसने पूरे इलाके को दहशत की गिरफ्त में ले लिया। पीरनगर वार्ड नंबर-10 में जदयू नेता और पूर्व पंचायत अध्यक्ष नीलेश कुमार  को हथियारबंद बदमाशों ने टार्गेट किलिंग की स्टाइल में गोलियों से छलनी कर दिया।

घटना को अंजाम देने वाले करीब 9 बदमाश हथियार लहराते हुए रात के अंधेरे में गायब हो गए। नीलेश रोज की तरह खाना खाकर मवेशी बथान में सोने गए थे, लेकिन इसी दौरान हमलावरों ने अचानक धावा बोल दिया और एकतरफा फायरिंग कर दी वारदात की रफ़्तार इतनी तेज कि परिवार के लोग आवाज सुनकर दौड़े, लेकिन हमलावर समूह पहले ही निकल चुका था।

मौके पर मंझौल डीएसपी और छौड़ाही थाना की पुलिस टीम पहुंची, जिसने एक संदिग्ध युवक को हिरासत में लिया है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया, जबकि एफएसएल टीम मौके से क्राइम एविडेंस जुटाने में लग गई—खोखे, पैर के निशान, गनशॉट पैटर्न… हर सुराग की बारीकी से जांच शुरू है।

मृतक के पिता रामबली महतो ने पुलिस को बताया कि घटना के समय गांव के ही बृजेश कुमार, जयप्रकाश महतो और अन्य लोगों को हथियार लहराते हुए भागते देखा गया। उनका कहना है कि हाल में कोई खुला झगड़ा नहीं हुआ था, लेकिन कुछ साल पहले ज़मीन को लेकर दोनों पक्षों में गंभीर विवाद हुआ था यही वह पुरानी दुश्मनी की फाइल  है, जिसकी आग शायद अब दोबारा भड़क उठी।

बेगूसराय एसपी मनीष के अनुसार, शुरुआती जांच में जमीन विवाद का एंगल सबसे मजबूत नजर आ रहा है। 2019 में दोनों पक्षों ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई थी। पुलिस एक हिरासत में लिए गए युवक से पूछताछ कर रही है और बाकी आरोपियों की तलाश में लगातार छापेमारी अभियान चला रही है।वारदात को देखते हुए पुलिस इसे सिर्फ हत्या नहीं, बल्कि एक संगठित लक्ष्यबद्ध अपराध मानकर कई एंगल से जांच रही है पुरानी रंजिश, चुनावी गतिविधियाँ, स्थानीय आपसी दुश्मनी… हर पहलू पर ध्यान दिया जा रहा है। यह मामला साफ़ इशारा करता है कि बेगूसराय की अपराध फ़ाइलें एक बार फिर गरम होने लगी हैं।