गया में पुलिस थाना पर हमले की बड़ी साजिश नाकाम! ड्रोन से रेकी करने वाले को पुलिस ने धर दबोचा
गया जिले के डुमरिया थाना क्षेत्र में एक संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जो पुलिस थाने के ऊपर ड्रोन उड़ाकर उसकी गतिविधियों की रेकी कर रहा था।
पुलिस ने एक बार फिर से पुलिस थाने पर हमले की योजना को विफल कर दिया है। इस मामले में एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है, जिसकी पहचान डुमरिया थाना क्षेत्र के मदारपुर गांव के निवासी वीरेंद्र कुमार के रूप में हुई है। उस पर आरोप है कि उसने थाने की निगरानी ड्रोन के माध्यम से की थी।
गया जिले के डुमरिया थाना क्षेत्र में एक संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जो पुलिस थाने के ऊपर ड्रोन उड़ाकर उसकी गतिविधियों की रेकी कर रहा था। यह घटना 30 जनवरी 2025 को हुई थी, जब रात करीब 9:30 बजे एक ड्रोन डुमरिया थाना परिसर के ऊपर उड़ता हुआ देखा गया। इस घटना के बाद पुलिस ने संज्ञान लिया और जांच शुरू की।
डुमरिया थाना नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थित है। यहां पर पहले भी कई बार नक्सलियों द्वारा हमले किए जा चुके हैं। 2004 में इसी थाने पर एक बड़ा हमला हुआ था जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इसलिए इस प्रकार की घटनाओं पर सुरक्षा बलों की नजर बनी रहती है।30 जनवरी को पुलिस को सूचना मिली थी कि एक ड्रोन रात 9:30 बजे डुमरिया थाना परिसर के ऊपर पूर्व दिशा से उड़ता हुआ आया। यह ड्रोन थाना के अधिकारियों के बैरक, कार्यालय और संतरी पोस्ट को पार करते हुए पश्चिम दिशा की ओर चला गया। इस मामले में पुलिस ने एक रिपोर्ट दर्ज की थी।
पुलिस को संदेह था कि यह ड्रोन नक्सली गतिविधियों से जुड़ा हो सकता है, खासकर इस क्षेत्र में हाल ही में हुए बम बनाने से संबंधित सामानों की बरामदगी और अन्य नक्सली घटनाओं को देखते हुए। गया के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लिया और एक विशेष टीम का गठन किया।विशेष टीम ने जांच करते हुए पाया कि मदारपुर गांव निवासी वीरेंद्र कुमार के पास ड्रोन कैमरा है। जब पुलिस उसके घर पहुंची, तो उसने पहले ड्रोन कैमरा होने से इनकार किया। लेकिन बाद में उसे फिर से ड्रोन उड़ाते हुए देखा गया, जिसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ लिया।वीरेंद्र कुमार की गिरफ्तारी के दौरान उसके घर से कई महत्वपूर्ण सामान बरामद किए गए, जिसमें एक ड्रोन कैमरा, तीन बैटरी, 33 मोबाइल सिम कार्ड (अलग-अलग कंपनियों के), पांच मेमोरी कार्ड और शराब शामिल हैं। यह सब चीजें नक्सलियों द्वारा जासूसी करने की संभावित योजना का संकेत देती हैं।
इस गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब वीरेंद्र कुमार से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वह किसी बड़े नक्सली नेटवर्क का हिस्सा है या नहीं।