प्रेमिका के कहने पर पी गया हलाहल, मांगा था प्यार मिल गयी मौत, अजब प्रेम की गजब कहानी
Poison in Love:प्रेम केवल दिल का अहसास नहीं, बल्कि समझ और संवेदनशीलता का नाम भी है। जब प्यार का प्रमाण मौत के द्वार तक पहुँच जाता है, तब....
Poison in Love: प्रेम, वह अलौकिक भावना जो दिलों को जोड़ती है, कभी-कभी परीक्षा की चक्की में कुचल देती है। एक युवा दिल, कृष्ण कुमार पंडो, जिसने सिर्फ बीस वसंत देखा था, अपने प्यार के लिए मर मिटने की कसमें खा बैठा। उसकी मोहब्बत सच्ची थी, लेकिन उसी मोहब्बत ने उसे जहर का गिलास थमा दिया।छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के देवपहरी गांव में भी कुछ ऐसा ही हुआ।
कहानी कुछ यूँ है कि कृष्ण कुमार पंडो सोनारी की एक लड़की के साथ प्रेम संबंध में था। जब लड़की के घरवालों को यह बात पता चली, तो उन्होंने अपने अतीत के कठोर और प्राचीन अंदाज में कृष्ण को बुलाया। कहा गया, “अगर तू सच्चा प्यार करता है, तो इसे साबित कर के दिखा। जहर पीकर।” प्रेम की मासूमियत और अंधविश्वास का यह संगम कृष्ण के लिए घातक साबित हुआ।
25 सितंबर को जब वह लड़की के घर पहुँचा, तो उसके हाथों में प्यार और आँखों में विश्वास था। उसने बिना किसी शंका और भय के, प्रेम का प्रमाण देने के लिए जहर निगल लिया। लेकिन वह प्रमाण उसके जीवन का आखिरी अध्याय बन गया। उसके परिवार को जब घटना का पता चला, तो पहले उसे लेमरू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और फिर जिला अस्पताल ले जाया गया। 8 अक्तूबर को, अस्पताल की सफेद दीवारों के बीच, उसकी सांसें थम गईं।
लेमरू पुलिस ने इस घटना की जानकारी दी और मामला दर्ज कर लिया। अब जांच यह तय करने की कोशिश कर रही है कि क्या यह प्रेम की सच्चाई थी या एक निर्दयी मजबूरी का जहर था। यह घटना सिर्फ एक युवा जीवन का अंत नहीं, बल्कि समाज के उस कठोर और अंधविश्वासी चेहरे का आईना भी है, जहाँ प्यार को चुनौती, और मोहब्बत को परीक्षण समझा जाता है।
प्रेम केवल दिल का अहसास नहीं, बल्कि समझ और संवेदनशीलता का नाम भी है। जब प्यार का प्रमाण मौत के द्वार तक पहुँच जाता है, तब यह समाज के उन सवालों को जन्म देता है, जो आज भी हमारे अंदर गूंजते हैं क्या यह मानवता है, या अंधविश्वास की क्रूरता?