Bribery Case:घूसखोर को सीबीआई ने मजदूर बनकर दबोचा, 63 लाख की संपत्ति और आभूषण बरामद, एयरफोर्स स्टेशन में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश!

Bribery Case:केंद्रीय जांच ब्यूरो की एंटी करप्शन ब्यूरो ने सहायक गैरीसन इंजीनियर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है।

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घूसखोर गिरफ्तार- फोटो : meta

 Bribery Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने दरभंगा एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात सहायक गैरीसन इंजीनियर (सिविल) कौशलेश कुमार को 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। यह हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी दरभंगा एयरफोर्स स्टेशन के कार्यालय में हुई, जहां इंजीनियर सड़क निर्माण के बिल भुगतान और कार्य की नपाई के बदले रिश्वत की मांग कर रहा था। इस कार्रवाई ने न केवल भ्रष्टाचार के गहरे नेटवर्क को उजागर किया, बल्कि सैन्य परिसर में भ्रष्टाचार की गंभीरता पर भी सवाल उठाए हैं।

सीबीआई को एक ठेकेदार की शिकायत मिली थी कि सहायक इंजीनियर कौशलेश कुमार सड़क निर्माण से संबंधित बिलों के भुगतान और कार्य की नपाई के लिए कमीशन के रूप में रिश्वत मांग रहे हैं। शिकायत के बाद सीबीआई ने मामले की गहन जांच की और ठेकेदार के दावों को सही पाया। सत्यापन के दौरान ठेकेदार ने रिश्वत की राशि को किस्तों में देने की पेशकश की, जिसे कौशलेश कुमार ने स्वीकार कर लिया। इस आधार पर सीबीआई ने एक सुनियोजित जाल बिछाया और कार्रवाई को अंजाम दिया।

सीबीआई की एसीबी टीम ने इस ऑपरेशन को अत्यंत गोपनीय और चतुराई से अंजाम दिया। कुछ अधिकारी मजदूरों के वेश में एयरफोर्स स्टेशन परिसर में घुसे, जबकि दूसरी टीम परिसर के बाहर इंतजार कर रही थी। जैसे ही कौशलेश कुमार ने 50,000 रुपये की रिश्वत स्वीकार की, सीबीआई ने उन्हें रंगे हाथ धर दबोचा। गिरफ्तारी के बाद दूसरी टीम ने परिसर में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन गेट पर तैनात सुरक्षा इंचार्ज के साथ उनकी तीखी बहस हो गई। इस दौरान सीबीआई अधिकारियों के साथ कथित दुर्व्यवहार की शिकायत भी दर्ज की गई है।गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने कौशलेश कुमार के एमईएस (मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज) क्षेत्र, एयरफोर्स स्टेशन कार्यालय और दरभंगा स्थित उनके आवास पर तलाशी ली।विभिन्न बैंकों में कौशलेश कुमार के नाम पर 63,11,651 रुपये की जमा राशि बरामद की गई।6 लाख रुपये से अधिक मूल्य की दो संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए गए।

इन बरामदगियों ने संकेत दिया कि कौशलेश कुमार ने संभवतः लंबे समय तक भ्रष्टाचार के जरिए अवैध संपत्ति अर्जित की थी। सीबीआई अब इन संपत्तियों के स्रोत और उनकी वैधता की जांच कर रही है।

सीबीआई ने इस मामले में प्राथमिकी ) दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कौशलेश कुमार को जल्द ही सक्षम अदालत में पेश किया जाएगा। साथ ही, सीबीआई इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इस भ्रष्टाचार में अन्य अधिकारी या कर्मचारी भी शामिल थे। सुरक्षा इंचार्ज के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार के मामले में भी अलग से जांच की जा रही है।

इस गिरफ्तारी ने दरभंगा ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार में सनसनी फैला दी है। सैन्य परिसर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में भ्रष्टाचार का यह मामला न केवल प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि आम लोगों के बीच भी आक्रोश पैदा कर रहा है। सीबीआई की इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत कदम माना जा रहा है, लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठ रहा है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और क्या कदम उठाए जाने चाहिए।

सीबीआई अब इस मामले में गहन जांच कर रही है, जिसमें कौशलेश कुमार की संपत्तियों, बैंक खातों और अन्य वित्तीय लेन-देन की पूरी पड़ताल की जाएगी। यह भी जांच का विषय है कि क्या यह भ्रष्टाचार का इकलौता मामला था, या इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। इस कार्रवाई ने एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया है।