Bihar Crime: ओवरलोड चेकिंग की आड़ में गोरखधंधा, लखीसराय जिला परिवहन विभाग में अवैध वसूली रैकेट का हुआ खुलासा, गैंगस्टरनुमा नेटवर्क हुआ एक्सपोज

जिला परिवहन पदाधिकारी और उनका खास चमचा मिलकर पूरा उगाही तंत्र चलाते नज़र आ रहे हैं।

ओवरलोड चेकिंग की आड़ में DTO कर रहे वसूली!- फोटो : reporter

Bihar Crime: लखीसराय जिले के परिवहन विभाग की गलियों में इन दिनों खांटी बोली गूंज रही है। एक तरफ सरकार ओवरलोडिंग पर नकेल कसने की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ जिला परिवहन पदाधिकारी (DTO) और उनका खास चमचा  मिलकर पूरा उगाही तंत्र चलाते नज़र आ रहे हैं। News4Nation को कई सप्ताह से वाहन मालिक लगातार शिकायत ठोकते आ रहे थे कि ओवरलोड जांच की आड़ में ट्रैक्टर, पिकअप, ट्रक, टेम्पू, यहां तक कि टोटो तक को कैम्पस में घसीटकर खड़ा कराया जाता है। फिर शुरू होता है धमकाने-धकियाने का खेल - कागज ठीक है, वजन सही है… लेकिन चालान काट देंगे तो खोपड़ी ठनक जाएगी।

यह सिर्फ जुबानी जुगत नहीं, बल्क़ि पूरे घटनाक्रम के वीडियो और सीसीटीवी फुटेज News4Nation के पास मौजूद हैं। सवाल ये उठता है कि जब गाड़ी का कागज-पत्तर दुरुस्त था, वजन में गड़बड़ी नहीं थी तो आखिर उसे कैम्पस में घंटों क्यों कैद रखा गया? और अगर गड़बड़ी थी, तो चालान क्यों नहीं काटा गया? जवाब साफ है… यहां हर रोज़ डील चलती है, चालान नहीं।

DTO का तौर-तरीका भी किसी बदमाश से कम नहीं मारपीट, गाली-गलौज, दफ्तर से लेकर सड़क तक दादागिरी; इनकी यही पहचान बन चुकी है। महीनों की निगरानी के बाद News4Nation की टीम ने इनकी करतूतों का पूरा पुलिंदा जमा कर रखा है।

सबसे ताज़ा मामला 07-12-2025 की भोर का है। रोज़ाना की तरह DTO उनका ड्राइवर, और खास कार्यपालक सहायक चलंत दस्ता लेकर निकले। जमुई मोड़ के पास BR27G-2258 नंबर का 12-चक्का ट्रक हाथ लग गया। उसे पुलिस अधीक्षक के आवास के ठीक सामने अनमोल कांटा पर तोला गया—वज़न आया 42 टन। सारा रिकॉर्ड कांटा के सीसीटीवी में दर्ज है।

अब शुरू हुआ असली मोलभाव का महाभारत,SP का आवास 20 मीटर पर, DM का घर 300 मीटर पर… लेकिन यह खेला रोकने वाला कोई नहीं। जब बात न बनी तो गाड़ी को उठाकर बाजार समिति में खड़ा करा दिया गया, और खनन विभाग का भारी जुर्माना दिखाकर ड्राइवर-मालिक को डराने का खेल शुरू हुआ। आखिरकार करीब डेढ़ लाख में सेटलमेंट कर गाड़ी छोड़ दी गई।

सबसे बड़ा सवाल है कि नियम कहता है कि ओवरलोडिंग पकड़े जाने पर परिवहन व खनन विभाग एक-दूसरे को सूचित करेंगे, लेकिन DTO ने ऐसा नहीं किया। खनन विभाग का जुर्माना ज्यादा होता… यानि सरकार को करीब 10 लाख का राजस्व नुकसान करा दिया गया।

अगर जिलाधिकारी व परिवहन विभाग चाहे तो पूरा मामला पलभर में खुल सकता है। अनमोल धर्मकांटा का सीसीटीवी,  बाजार समिति का सीसीटीवी, प्रतिनियुक्त होमगार्ड जवान की गवाही, इन तीनों की जांच होते ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

बहरहाल लखीसराय के परिवहन विभाग में चल रहे इस अवैध उगाही उद्योग की परतें अब खुलनी तय हैं। अगली किस्त में दूसरे कारगुजारी की चर्चा होगी।
लखीसराय से धीरज पराशर की विशेष रिपोर्ट