Bihar Crime: जमीन पर जंग, आस्था की आड़ में हिंसा, महमदा-पाटम बना दंगल, मंदिर बना रणभूमि

Bihar Crime: एक बार फिर आस्था, अंधविश्वास और स्वार्थ की तिकड़ी ने मिलकर इंसानियत को जमींदोज कर दिया।

जमीन पर जंग, मंदिर बना रणभूमि- फोटो : reporter

Bihar Crime: एक बार फिर आस्था, अंधविश्वास और स्वार्थ की तिकड़ी ने मिलकर इंसानियत को जमींदोज कर दिया। मामला महमदा और गढ़ी रामपुर गांव के बीच का है — जहां सवाल था, जमीन किसकी? मंदिर की या ठाकुड़बारी की? लेकिन जवाब में निकलीं लाठियां, चले पत्थर और गूंजने लगीं हिंसा की आवाज़ें।पौराणिक प्रतिमा के आसन की जगह अब टूटी खिड़कियां, उखड़े दरवाजे और छतों से फेंके गए पत्थर रह गए हैं।

विवाद का आसन

दरअसल, विवाद नया नहीं था। चैती दुर्गा मंदिर और ठाकुड़बारी की जमीन को लेकर पहले ही अदालती फैसला गढ़ी रामपुर के पक्ष में आ चुका था। मंदिर में दुर्गा प्रतिमा की स्थापना भी बंद कर दी गई थी। पर जब ठाकुड़बारी ट्रस्ट ने वहां राधा-कृष्ण प्रतिमा स्थापित करने की तैयारी की — बस वहीं से फिर धार्मिक ज्वालामुखी फूट पड़ा।गेट बनाने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन कुछ लोगों को ये गेट धर्म से ज़्यादा ज़मीन की 'हदे' लांघता दिखा। रातों-रात गेट तोड़ा गया, और फिर दो गांवों के बीच 'धार्मिक महाभारत' शुरू हो गई।

मंदिर टूटा, गांव जला, बिजली काटी — क्या यही धर्म रक्षा है?

भीड़ ने महमदा गांव पर धावा बोला। ट्रांसफार्मर से बिजली काट दी, ई-रिक्शा तोड़े, खिड़की-दरवाजे उखाड़ दिए, मंदिर में बैठे बच्चों के साथ गाली-गलौज की गई और चैती दुर्गा के आसन को उठा कर फेंक दिया गया।और हाँ, पुलिस की मौजूदगी में ये "धार्मिक यज्ञ" शांत नहीं हुआ — बल्कि कायरता का 'प्रसाद' पुलिस के सामने ही बांटा गया।

पुलिस आई, छावनी बनी, पर सवाल वही — जमीन की या ज़मीर की लड़ाई?

मामला पुलिस छावनी तक पहुंचा। एसपी सैयद इमरान मसूद के नेतृत्व में कई थानों की फोर्स ने गांव में डेरा डाल दिया है। कुछ गिरफ्तारियां हुई हैं, पूछताछ जारी है, पर जैसे ही लाठी रुकी — गाँववालों ने पूछा: "अब हमारा मंदिर बचा या सिर्फ मलबा?"

धर्म का चोला पहनकर हिंसा का खेल

आस्था जब अहंकार और कब्जे की भूख में बदल जाए, तो वह सिर्फ पूजा नहीं, राजनीति और निजी स्वार्थ का अखाड़ा बन जाती है। महमदा और गढ़ी रामपुर की लड़ाई सिर्फ एक ज़मीन की नहीं, बल्कि उस सोच की है जो मंदिर को निर्माण नहीं, संघर्ष का केंद्र बना देती है।

रिपोर्ट- मो. इम्तियाज खान