Patna Crime: पटना में बमबाजी और मारपीट का तांडव, बच्ची घायल, इलाका दहला, पुलिस की लापरवाही पर सवाल!
Patna Crime: दो गुटों के बीच आपसी वर्चस्व को लेकर शुरू हुआ विवाद हिंसक रूप ले लिया। मामूली कहासुनी मारपीट में बदली, और फिर एक गुट ने दूसरे पर दो देसी बम फेंक दिए।

Patna Crime: पटना के बाकरगंज इलाके में शनिवारकी रात कमरू पासी गली में दो गुटों के बीच आपसी वर्चस्व को लेकर शुरू हुआ विवाद हिंसक रूप ले लिया। मामूली कहासुनी मारपीट में बदली, और फिर एक गुट ने दूसरे पर दो देसी बम फेंक दिए। बम धमाकों की गूंज से पूरा इलाका दहल गया, और एक 8 वर्षीय बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई। हालांकि, बच्ची अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। घटना ने इलाके में दहशत फैला दी, और लोग घरों से बाहर निकलकर इधर-उधर भागने लगे। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया, लेकिन बम कहां से आए और पुलिस को इसकी भनक क्यों नहीं थी, यह सवाल गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है।
मारपीट से बमबाजी तक
बाकरगंज के कमरू पासी गली में पिछले कई दिनों से दो गुटों के बीच आपसी वर्चस्व को लेकर तनातनी चल रही थी। शनिवार रात यह तनाव चरम पर पहुंच गया, जब दोनों गुट आमने-सामने आ गए। शुरू में गाली-गलौज और मारपीट हुई, लेकिन स्थिति तब बेकाबू हो गई, जब एक गुट ने दो देसी बम फेंके। धमाकों की आवाज से इलाके में अफरा-तफरी मच गई। बम के छर्रे लगने से एक मासूम बच्ची घायल हो गई, जिसे तत्काल स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। बच्ची का इलाज चल रहा है, और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
सीसीटीवी फुटेज और छापेमारी
घटना की सूचना मिलते ही पीरबहोर थाना की पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। टाउन एसपी दीक्षा ने बताया कि बम धमाकों की पुष्टि हो चुकी है, और फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीम व श्वान दस्ते को साक्ष्य संकलन के लिए बुलाया गया है। पुलिस इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है ताकि उपद्रवियों की पहचान की जा सके। इसके साथ ही, बाकरगंज और आसपास के इलाकों में संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक जांच में पुलिस का मानना है कि बमबाजी डराने-धमकाने की मंशा से की गई थी।
बम कहां से आए?
इस घटना ने बिहार में देसी बमों के अवैध उपयोग और उनकी आसान उपलब्धता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाकरगंज में आपराधिक गतिविधियां लंबे समय से चल रही थीं, लेकिन पुलिस ने इसकी अनदेखी की। सवाल उठ रहा है कि:बम कहां से लाए गए? क्या उपद्रवियों ने इन्हें स्थानीय स्तर पर बनाया, या कहीं और से सप्लाई हुई?पुलिस को पहले से जानकारी क्यों नहीं थी? अगर इलाके में आपसी तनाव था, तो पुलिस ने निगरानी क्यों नहीं बढ़ाई?क्या बाकरगंज में बम बनाने का कोई रैकेट चल रहा है? पुलिस की निष्क्रियता ने इस घटना को जन्म दिया, ऐसा स्थानीय लोग मान रहे हैं।पटना पुलिस ने दावा किया है कि मामले की गहन जांच की जा रही है, और जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
स्थानीय लोगों की नाराजगी: पुलिस पर लापरवाही का आरोप
बाकरगंज के निवासियों में पुलिस के खिलाफ गुस्सा है। उनका कहना है कि कमरू पासी गली में आपसी तनाव की जानकारी पुलिस को पहले से थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। कुछ लोगों ने X पर पोस्ट कर पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए और बमबाजी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की। एक यूजर ने लिखा, "बिहार में बम इतनी आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन पुलिस को कुछ पता नहीं। यह क्या मजाक है?"
बिहार में कानून-व्यवस्था पर सवाल
बाकरगंज की बमबाजी और मारपीट की घटना ने बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर फिर से सवाल खड़े किए हैं। अगर बमों की आसान उपलब्धता और आपराधिक गतिविधियों पर लगाम नहीं लगाई गई, तो ऐसी घटनाएं भविष्य में और बड़े खतरे का रूप ले सकती हैं। पटना पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, लेकिन जनता अब ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रही है।