Muzaffarpur cyber crime: मुजफ्फरपुर में साइबर अपराध की रोकथाम में भारी लापरवाही! DSP ने थानों को दी सख्त चेतावनी

Muzaffarpur cyber crime: मुजफ्फरपुर में साइबर अपराध की रोकथाम में भारी लापरवाही सामने आई है। 114 मामलों में से केवल 10 का ही निपटारा हुआ, DSP ने थानों को दी सख्त चेतावनी।

Muzaffarpur cyber crime
मुजफ्फरपुर साइबर क्राइम- फोटो : social media

Muzaffarpur cyber crime: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में है, इस बार वजह है साइबर अपराध नियंत्रण में बरती जा रही लापरवाही। समन्वय पोर्टल पर देशभर से आए Cyber Crime Investigation Assistance Request (CIAR) के 114 मामलों में से सिर्फ 10 का ही निष्पादन हो सका है।

बचे हुए 104 मामले अभी तक पेंडिंग हैं, जिनमें न तो आरोपियों की पुष्टि हो सकी है और न ही नोटिस, वारंट या शमन आदेशों की तामील हो पाई है। यह स्थिति सिर्फ स्थानीय पुलिस के कार्यशैली पर ही नहीं, बल्कि पूरे साइबर सुरक्षा तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।

साइबर DSP की चेतावनी: अब और चुप नहीं बैठेंगे

साइबर क्राइम के प्रति जिले की पुलिस की उदासीनता पर नाराजगी जाहिर करते हुए साइबर DSP ने सभी थानेदारों को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में सख्त लहजे में कहा गया है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो विभागीय अनुशंसा और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

DSP का यह रुख बताता है कि अब सरकार और पुलिस प्रशासन साइबर अपराध के मुद्दे को हल्के में नहीं लेना चाहते, खासकर तब जब डिजिटल फ्रॉड और ऑनलाइन ठगी के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है।

तिरहुत रेंज में मुजफ्फरपुर सबसे पीछे

तिरहुत रेंज के अंतर्गत आने वाले चार जिलों में मुजफ्फरपुर की स्थिति सबसे खराब है:

जिला    पेंडिंग शिकायतें

मुजफ्फरपुर    104

सीतामढ़ी    44

वैशाली    41

शिवहर    6

इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि जहां बाकी जिलों में कार्रवाई की गति थोड़ी बेहतर है, वहीं मुजफ्फरपुर इस मोर्चे पर पूरी तरह पिछड़ गया है।

बिहार में कुल पेंडिंग केस और मुजफ्फरपुर की रैंकिंग

बिहार राज्य में कुल 2889 साइबर शिकायतें समन्वय पोर्टल पर पेंडिंग हैं। इस सूची में मुजफ्फरपुर छठे स्थान पर है, जो इसकी गंभीरता को दर्शाता है:

जिला    पेंडिंग शिकायतें

पटना    595

मोतिहारी    138

गया    120

नालंदा    106

बेतिया    113

मुजफ्फरपुर    104

इस आंकड़े से साफ है कि डिजिटल अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इनसे निपटने में पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से सक्षम नहीं दिख रहा है।