बिहार में पुलिस को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते रहे पुलिसकर्मी , कई घायल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट न मिलने से भड़के थे ग्रामीण
Bihar Attack on police: रेप के बाद कत्ल के दो दिन बीतने के बाद भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिलने से नाराज हज़ारों ग्रामीण सड़क पर उतर आए। उन्हें समझाने पहुंची पुलिस पर लोगों ने लाठियां बरसाईं और उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा।
Bihar Attack on police:बिहार के सहरसा ज़िले का सिमरी बख्तियारपुर थाना क्षेत्र, जहां इंसानियत ने अपना सिर शर्म से झुका लिया है। दो दिन पहले भटपुरा गांव में उस वक़्त सनसनी फैल गई, जब खेत में घास काटने गई कलावती देवी की लाश मिली। लाश नग्न थी, जो साफ़ इशारा करती है कि वहशी दरिंदों ने पहले उसकी अस्मत लूटी और फिर उसकी जान ले ली। इस वारदात ने पूरे इलाक़े में ग़म और ग़ुस्से का सैलाब ला दिया है।
पीड़ित परिवार ने सीधे तौर पर दुष्कर्म और हत्या का इल्ज़ाम लगाया है। उनका कहना है कि पुलिस और प्रशासन की लापरवाही हद से गुज़र चुकी है। क़त्ल हुए दो दिन हो गए, लेकिन अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दी गई है। यह सिर्फ़ एक रिपोर्ट नहीं, बल्कि इंसाफ़ की पहली सीढ़ी है, और इसी पर प्रशासन की चुप्पी ने आग में घी डालने का काम किया है।
इस हैवानियत के ख़िलाफ़ हज़ारों ग्रामीण सड़कों पर उतर आए। सोनवर्षा सिमरी बख्तियारपुर NH 107 पर विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ और देखते ही देखते तनाव बढ़ गया। पुलिस बल पीड़ित परिवार को सांत्वना देने उनके घर पहुंची, लेकिन ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट चुका था। उन्होंने पुलिस पर लाठियां बरसाईं और उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। इस हिंसक टकराव में पुलिस के कई जवान ज़ख़्मी हुए।
ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन इस मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। जब तक रिपोर्ट नहीं मिलती और मुजरिमों को सज़ा नहीं मिलती, तब तक उनका यह ग़ुस्सा ठंडा नहीं होगा। यह घटना सिर्फ़ एक महिला के क़त्ल की नहीं, बल्कि एक ऐसे समाज की तस्वीर है, जहां इंसाफ़ के लिए लोगों को ख़ुद ही हथियार उठाना पड़ रहा है। क्या इस इंसाफ़ की लड़ाई में उन्हें सफलता मिलेगी या यह मामला भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?
रिपोर्ट- दिवाकर कुमार दिनकर