Caste Census: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, जातिगत जनगणना को लेकर दिए तीन सुझाव, की खास मांग

Caste Census: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जन खड़गे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। इस पत्र के माध्यम से तीन सुक्षाव दिए है। साथ ही खड़गे ने पीएम मोदी से खास मांग भी की है।

Mallikarjun Kharge wrote a letter to PM Modi - फोटो : social media

Caste Census:  कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को जातिगत जनगणना को लेकर तीन अहम सुझाव दिए हैं। खड़गे ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा कि, मैंने 16 अप्रैल, 2023 को आपको(पीएम मोदी) पत्र लिखकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की नवीनतम जाति जनगणना की मांग को सामने रखा था। अफ़सोस की बात है कि मुझे इस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। दुर्भाग्य से, आपकी पार्टी के नेताओं और आपने इस वैध मांग को उठाने के लिए कांग्रेस और उसके नेतृत्व पर हमला किया, जिसे आप आज स्वीकार करते हैं कि यह गहरे सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के हित में है।

खड़गे ने पीएम मोदी को दिए तीन सुझाव

खड़गे ने आगे लिखा कि, अब आपने बिना कोई विवरण दिए घोषणा की है कि अगली जनगणना (जो वास्तव में 2021 में होनी थी) में जाति को एक अलग श्रेणी के रूप में भी शामिल किया जाएगा। मेरे पास आपके विचार के लिए तीन सुझाव हैं।

1. जनगणना प्रश्नावली का डिज़ाइन महत्वपूर्ण है। केंद्रीय गृह मंत्रालय को तेलंगाना मॉडल का उपयोग करना चाहिए - प्रश्नावली को अंतिम रूप देने के लिए अपनाई गई पद्धति और पूछे जाने वाले अंतिम प्रश्नों दोनों का।

2. जाति जनगणना के परिणाम जो भी हों, यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और ओबीसी के लिए आरक्षण पर मनमाने ढंग से लगाई गई 50% की सीमा को संविधान संशोधन के माध्यम से हटाया जाना चाहिए।

3. अनुच्छेद 15(5) को 20 जनवरी 2006 से भारत के संविधान में शामिल किया गया था। इसे बाद में सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई। अंततः, 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से कुछ ही समय पहले 29 जनवरी 2014 को लंबे विचार-विमर्श के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने इसे बरकरार रखा। यह निजी शिक्षण संस्थानों में भी अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और ओबीसी के लिए आरक्षण का प्रावधान करता है। इसे लागू किया जाना चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष की मांग

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि, जाति जनगणना जैसी कोई भी प्रक्रिया जो हमारे समाज के पिछड़े, उत्पीड़ित और हाशिए पर पड़े वर्गों को उनके अधिकार प्रदान करती है। उसे किसी भी तरह से विभाजनकारी नहीं माना जा सकता और न ही माना जाना चाहिए। हमारा महान राष्ट्र और हमारे बड़े दिल वाले लोग हमेशा जरूरत पड़ने पर एक साथ आए हैं, जैसा कि हमने हाल ही में पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमलों के बाद किया है।

सभी दलों के साथ करें बातचीत 

खड़गे ने आगे लिखा कि, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का मानना है कि हमारे संविधान की प्रस्तावना में दिए गए सामाजिक और आर्थिक न्याय तथा स्थिति और अवसर की समानता सुनिश्चित करने के लिए ऊपर बताए गए व्यापक तरीके से जाति जनगणना कराना नितांत आवश्यक है। मुझे विश्वास है कि मेरे सुझावों पर आप गंभीरता से विचार करेंगे। वास्तव में, मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि जाति जनगणना के मुद्दे पर जल्द ही सभी राजनीतिक दलों के साथ बातचीत करें।