One Nation One Election:‘एक देश, एक चुनाव’ संविधान के खिलाफ नहीं, रामनाथ कोविंद बोले- अंतिम निर्णय लेगी संसद

एक देश, एक चुनाव

One Nation One Election: सरकार ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी. भारत में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने को लेकर कमेटी बनी थी. इस व्यवस्था को लागू करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट मार्च 2024 में प्रस्तुत की.केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस रिपोर्ट को 18 सितंबर 2023 को मंजूरी दी. अब इसे आगामी शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जाएगा। यदि सभी राजनीतिक दलों का समर्थन मिलता है, तो यह व्यवस्था 2029 से लागू होने की संभावना है.

वहीं पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्पष्ट किया है कि ‘एक देश, एक चुनाव’ का विचार असंवैधानिक नहीं है. उन्होंने कहा कि यह विचार संविधान निर्माताओं द्वारा भी माना गया था. उनका तर्क है कि यदि पहले चार लोकसभा और विधानसभा चुनाव 1967 तक एक साथ हुए थे, तो इसे असंवैधानिक कैसे कहा जा सकता है? इस प्रकार, उनके अनुसार, यह अवधारणा संविधान के अनुरूप है.

कोविंद ने बताया कि इस योजना को लागू करने के लिए विभिन्न संवैधानिक संशोधनों पर विचार किया जाएगा. इसके बाद संसद अंतिम निर्णय लेगी. यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि सभी आवश्यक कानूनी पहलुओं पर ध्यान दिया जाए और कोई भी निर्णय संविधान के दायरे में हो.

रामनाथ कोविंद ने यह भी कहा कि एक साथ चुनाव कराने से संघवाद को और मजबूती मिलेगी. जब तीनों स्तर की सरकारें (केंद्र, राज्य और स्थानीय) पांच वर्षों तक एक साथ काम करेंगी, तो इससे शासन में समन्वय बढ़ेगा और राजनीतिक स्थिरता भी आएगी.

कोविंद ने उल्लेख किया कि उनकी अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति के सामने 47 राजनीतिक दलों ने अपनी राय प्रस्तुत की थी. इनमें से 32 दलों ने इस अवधारणा का समर्थन किया जबकि 15 दलों ने इसका विरोध किया. हालांकि, विरोध करने वाले दलों ने अतीत में इस विचार का समर्थन किया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि राजनीतिक सहमति की संभावना मौजूद है.

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