Ganesh Puja: बुधवार को भगवान गणेश की पूजा क्यों करनी चाहिए, ये 5 कारण जानकर आप हो जाएंगे हैरान

जब भगवान शिव त्रिपुरासुर का वध करने में असफल हुए थे, तो उन्हें ज्ञात हुआ कि उन्होंने गणेश जी की पूजा किए बिना ही युद्ध शुरू किया था। इसके बाद जब उन्होंने विधिपूर्वक गणेश जी की पूजा की और उन्हें भोग अर्पित किया, तब जाकर वे युद्ध में सफल हुए।

Ganesh Puja
भगवान गणेश की पूजा - फोटो : Hiresh Kumar

Ganesh Puja: भगवान गणेश की पूजा बुधवार के दिन विशेष रूप से की जाती है, और इसके पीछे कई पौराणिक कथाएँ और मान्यताएँ हैं। सबसे प्रमुख कथा यह है कि जब माता पार्वती ने भगवान गणेश का निर्माण किया था, तब कैलाश पर्वत पर बुध देव भी उपस्थित थे। बुध देव ने भगवान गणेश को देखकर प्रसन्न होकर अपने दिन यानी बुधवार को भगवान गणेश को समर्पित कर दिया। इस प्रकार, बुधवार का दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए निर्धारित हो गया।

इसके अलावा, एक अन्य मान्यता यह है कि जब भगवान शिव त्रिपुरासुर का वध करने में असफल हुए थे, तो उन्हें ज्ञात हुआ कि उन्होंने गणेश जी की पूजा किए बिना ही युद्ध शुरू किया था। इसके बाद जब उन्होंने विधिपूर्वक गणेश जी की पूजा की और उन्हें भोग अर्पित किया, तब जाकर वे युद्ध में सफल हुए। इस घटना के कारण भी हर कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा करना आवश्यक माना जाता है ताकि कार्य बिना किसी विघ्न के संपन्न हो सके।

महाभारत का लेखन: माना जाता है कि भगवान गणेश ने महाभारत को लिखने में तीन साल का समय लिया था। वेदव्यास ने उन्हें इस कार्य के लिए चुना क्योंकि उनकी लेखन गति अत्यंत तेज थी।

माता लक्ष्मी के दत्तक पुत्र: पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता लक्ष्मी के कोई संतान नहीं थी। माता पार्वती ने बालक गणेश को माता लक्ष्मी की गोद में बैठाकर कहा कि वह भी उनका पुत्र है। इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न हुईं और कहा कि उनके साथ भगवान गणेश की पूजा करने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

बुद्धि और समृद्धि का देवता: भगवान गणेश को बुद्धि और समृद्धि का देवता माना जाता है। इसलिए किसी भी नए कार्य की शुरुआत से पहले उनका स्मरण करना शुभ माना जाता है।

गणेश जी के दर्शन: मान्यता है कि भगवान गणेश के पीछे दरिद्रता का वास होता है, इसलिए हमेशा सामने से ही उनके दर्शन करने चाहिए।

रिद्धि-सिद्धि: भगवान गणेश की दो पत्नियाँ हैं - रिद्धि और सिद्धि, जिनसे उन्हें क्षेम और लाभ नामक दो पुत्र प्राप्त हुए हैं। ये नाम उनके भक्तों के लिए समृद्धि और सफलता का प्रतीक माने जाते हैं।

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