Brahma Muhurat: कौन सा है दिन का सबसे शुभ समय, जब जागने से बढ़ती है आयु, बुद्धि और भाग्य

Brahma Muhurat: ब्रह्म मुहूर्त को दिन का सबसे शुभ समय कहा गया है। इस समय उठकर ध्यान, पूजा और मंत्र जाप करने से आयु, बुद्धि, स्वास्थ्य और धन में वृद्धि होती है। जानिए ब्रह्म मुहूर्त का सही समय, महत्व और इस दौरान क्या करना चाहिए।

सुबह कब उठने से होगा फायदा!- फोटो : social media

Brahma Muhurat: हिंदू धर्म और वेदों में ब्रह्म मुहूर्त को दिन का सबसे पवित्र और ऊर्जावान समय कहा गया है। “ब्रह्म” का अर्थ है सृजन शक्ति या ज्ञान, जबकि मुहूर्त का मतलब है विशेष समय।यह वह क्षण होता है जब प्रकृति, चेतना और ऊर्जा अपने चरम पर होती हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त सूर्योदय से लगभग 1 घंटे 36 मिनट पहले से लेकर 48 मिनट पहले तक का समय होता है।आम तौर पर यह अवधि सुबह 3 बजे से 5 बजे के बीच मानी जाती है।इसे देवकाल या अक्षय समय भी कहा गया है क्योंकि इस समय किया गया शुभ कार्य कभी व्यर्थ नहीं जाता।

धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

धार्मिक दृष्टि सेशास्त्रों में कहा गया है कि ब्रह्मे मुहूर्ते उत्तिष्ठेत् स्वस्थो रक्षार्थमायुषः।” अर्थात जो व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में उठता है, वह स्वस्थ, दीर्घायु और बुद्धिमान बनता है। इस समय वातावरण सात्त्विक और शांत होता है। देवताओं की ऊर्जा सक्रिय रहती है और ऋषि-मुनि इसी काल में साधना करते थे।इसलिए ध्यान, जप, योग या स्वाध्याय जैसे कार्यों के लिए यह समय सर्वोत्तम माना गया है।

वैज्ञानिक दृष्टि से ब्रह्म मुहूर्त का महत्व

विज्ञान भी इसे शरीर और मस्तिष्क के लिए सर्वश्रेष्ठ समय मानता है।सुबह 3 से 5 बजे के बीच हवा में ऑक्सीजन की मात्रा लगभग 41% अधिक होती है।इस समय दिमाग तरोताजा रहता है, पाचन तंत्र स्थिर होता है और शरीर की नसें संतुलित रहती हैं।इससे ध्यान केंद्रित करने की क्षमता, स्मरणशक्ति और मानसिक शांति बढ़ती है।

ब्रह्म मुहूर्त में क्या करें?

ब्रह्म मुहूर्त मेंनींद खुलते ही अपनी हथेलियों को जोड़कर मंत्र पढ़ें, कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती। करमूले तु गोविन्दः, प्रभाते करदर्शनम्॥”इससे दिन की शुरुआत सकारात्मक ऊर्जा के साथ होती है।

उठने से पहले मां धरती से क्षमा मांगें —

समुद्रवसने देवि, पर्वतस्तनमण्डले।

विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं, पादस्पर्शं क्षमस्व मे॥”

यह कृतज्ञता और विनम्रता का प्रतीक है।

गणेश जी का स्मरण: ब्रह्म मुहूर्त में भगवान गणेश का नाम लेने से दिनभर के कार्य सफल होते हैं।

ध्यान और प्राणायाम: इस समय की हवा और ब्रह्मांडीय ऊर्जा (Cosmic Energy) अत्यंत शुद्ध होती है।

ध्यान, प्राणायाम या सूर्य नमस्कार करने से मन शांत होता है और आत्मिक शक्ति बढ़ती है।

ब्रह्म मुहूर्त में क्या न करें?

इस शुभ समय में कुछ चीज़ों से बचना चाहिए भोजन नहीं करना चाहिए, क्योंकि पाचन तंत्र सक्रिय नहीं होता।नकारात्मक विचार या गुस्सा नहीं करना चाहिए।किसी के लिए बुरा न बोलें, क्योंकि यही ऊर्जा पूरे दिन को प्रभावित करती है।उठते ही आईना देखने से परहेज़ करें; पहले स्नान या ध्यान करें।

ब्रह्म मुहूर्त में उठने के अद्भुत लाभ

ब्रह्म मुहूर्त में उठने के फायदे इस प्रकार है:

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, नींद और पाचन संतुलित होते हैं।

मन स्थिर होता है और निर्णय क्षमता में वृद्धि होती है।

लक्ष्मी कृपा से धन और सफलता मिलती है।

एकाग्रता और अध्ययन की क्षमता बढ़ती है।

ध्यान और साधना से आत्मिक जागरण होता है।