Chaturmas 2025: इस तारीख से शुरु हो रहा है चातुर्मास, 4 महीने शादी-विवाह में लग जाएगा विराम, भूलकर भी ना करें ये काम
Chaturmas 2025: 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन श्रद्धालु अपने गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए पूजन करेंगे। अगले दिन, 11 जुलाई से भगवान शिव का प्रिय सावन मास शुरू होगा।
Chaturmas 2025: आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन यानी छह जुलाई से चातुर्मास का शुभारंभ होगा। इस दिन से भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाएंगे। चातुर्मास के चार माह तक सभी प्रकार के मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन आदि वर्जित माने जाते हैं। इस अवधि में पूजा-पाठ, साधना और उपासना का विशेष महत्व होता है।
सावन में होगा शिव का जलाभिषेक, चार सोमवार का व्रत
पंडितों की मानें तो इस बार 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन श्रद्धालु अपने गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए पूजन करेंगे। अगले दिन, 11 जुलाई से भगवान शिव का प्रिय सावन मास शुरू होगा। सावन माह में भक्त शिवलिंग पर जलाभिषेक कर पुण्य अर्जित करेंगे। इस वर्ष सावन में चार सोमवार आएंगे। नौ अगस्त को रक्षा बंधन के पर्व के साथ सावन मास का समापन होगा।
15 जुलाई से शुरू होगा मधु श्रावणी व्रत, नवविवाहिताएं करेंगी पूजा
मिथिलांचल में 15 जुलाई से मधु श्रावणी व्रत की शुरुआत होगी, जो 27 जुलाई तक चलेगा। इस लोकपर्व में नवविवाहिता महिलाएं पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और सौभाग्य की कामना से विशेष पूजन करेंगी। वे नाग-नागिन, सप्तकन्या, सप्तऋषि की कथा सुनेंगी और देवी पार्वती की आराधना करेंगी। यह पर्व मिथिला की नारी संस्कृति का प्रतीक माना जाता है।
श्रावण मास के प्रमुख व्रत व पर्व:
14 जुलाई: पहला सोमवार व गणेश चतुर्थी
15 जुलाई: मंगला गौरी व्रत, मौना पंचमी, मधु श्रावणी आरंभ
17 जुलाई: शीतला सप्तमी
21 जुलाई: दूसरा सोमवार, कामदा एकादशी
23 जुलाई: श्रावण शिवरात्रि
27 जुलाई: हरियाली तीज, मधु श्रावणी व्रत का समापन
28 जुलाई: तीसरा सोमवार, विनायक चतुर्थी
29 जुलाई: नाग पंचमी
31 जुलाई: तुलसीदास जयंती
4 अगस्त: चौथा सोमवार
5 अगस्त: पुत्रदा एकादशी
9 अगस्त: श्रावणी पूर्णिमा एवं रक्षा बंधन
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चातुर्मास का यह समय आत्मशुद्धि, संयम और भक्ति का होता है, जिसमें लोग उपवास, व्रत और धार्मिक अनुष्ठानों के जरिए पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं।