Raksha Bandhan 2025: भाई-बहन के रिश्ते की डोर रक्षाबंधन का महत्व, जानिए राखी बांधने की सही तारीख, शुभ मुहूर्त और भद्रा का समय
Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन 2025 में राखी 9 अगस्त को बांधी जाएगी। जानें रक्षाबंधन की सही तारीख, भद्राकाल की स्थिति और राखी बांधने का शुभ मुहूर्त। त्योहार को और पावन बनाने के लिए पढ़ें पूरी जानकारी।
Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि एक भावनात्मक वचनबद्धता है जिसमें बहन अपने भाई की लंबी उम्र और सुखद जीवन की कामना करती है, और भाई जीवनभर उसकी रक्षा का वादा करता है। हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को यह पर्व पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
राखी बांधने का समय और भद्राकाल विशेष रूप से ध्यान रखने योग्य होता है, क्योंकि भद्राकाल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। आइए जानते हैं वर्ष 2025 में रक्षाबंधन की सही तिथि, भद्रा काल, और राखी बांधने का शुभ मुहूर्त।
रक्षाबंधन 2025: 8 या 9 अगस्त, कौन-सी है सही तारीख?
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, 2025 में श्रावण पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 8 अगस्त 2025 को दोपहर 2:14 बजे से हो रहा है और इसका समापन 9 अगस्त को दोपहर 1:34 बजे होगा।भारतीय पंचांग में पर्वों की तिथि उदयातिथि के अनुसार मानी जाती है, इसलिए रक्षाबंधन का पर्व शनिवार, 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन 2025 की तिथि: शनिवार, 9 अगस्त 2025
क्या रक्षाबंधन 2025 में भद्राकाल रहेगा?
2025 में भद्रा काल का प्रभाव केवल 8 अगस्त की रात तक सीमित रहेगा। यानी जब 9 अगस्त को सूर्योदय होगा, तब तक भद्रा समाप्त हो चुकी होगी।
8 अगस्त की रात में ही भद्रा समाप्त हो जाएगी। 9 अगस्त को पूरे दिन राखी बांधना शुभ रहेगा।इसलिए 9 अगस्त को किसी भी शुभ मुहूर्त में बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकती हैं।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (Raksha Bandhan 2025 Muhurat)
शास्त्रों के अनुसार राखी बांधने के लिए विशेष मुहूर्तों का पालन करना अत्यंत फलदायी होता है। 9 अगस्त को कई शुभ समय उपलब्ध हैं:
मुख्य राखी बांधने का समय: सुबह 5:35 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक। यह समय रक्षा बंधन के लिए सबसे शुभ और फलदायी माना जा रहा है।
अभिजीत मुहूर्त:दोपहर 12:00 से 12:53 तक। यह समय किसी भी कार्य के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
प्रदोष काल मुहूर्त: शाम 07:19 से रात 09:24 तक। यदि दिन में राखी बांधने का अवसर न मिले, तो प्रदोष काल में भी राखी बांध सकते हैं