मेडिकल और इंजीनियरिंग में बढ़ेगी सीटें: छात्रों को मिलेगा अधिक अवसर
देश में मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश की बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अगले साल मेडिकल में 10,000 और आईआईटी में 6,500 नई सीटें जोड़ी जाएंगी। यह विस्तार छात्रों को अधिक अवसर देगा और उच्च शिक्षा में नई संभा

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) ने शिक्षा प्रणाली को बहुआयामी बना दिया है, जिससे छात्र अपने करियर को मनचाही दिशा में ले जा सकते हैं। इसके बावजूद, देश में अधिकांश माता-पिता अब भी अपने बच्चों को डॉक्टर या इंजीनियर बनाने का सपना संजोते हैं। यही कारण है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए जबरदस्त प्रतिस्पर्धा बनी हुई है।
सरकार का बड़ा कदम: मेडिकल और इंजीनियरिंग में सीटों का विस्तार
सरकार ने इन प्रवेश चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अगले साल मेडिकल की 10,000 नई सीटें जोड़ने का निर्णय लिया है। यह पहल अगले पांच वर्षों में 75,000 मेडिकल सीटें बढ़ाने की योजना का हिस्सा है। इसी के तहत आईआईटी में भी 6,500 नई सीटें बढ़ाने की घोषणा की गई है।
बीते दशक में हुई बड़ी बढ़ोतरी
पिछले दस वर्षों में मेडिकल के स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में 1.1 लाख सीटों का इजाफा हुआ है।
आईआईटी में भी 70,000 से अधिक नई सीटें जोड़ी जा चुकी हैं।
हालांकि, छात्रों की मांग को देखते हुए यह संख्या अब भी अपर्याप्त मानी जा रही है।
विदेशों की ओर पलायन और निजी कॉलेजों की महंगी फीस
सीटों की कमी के चलते हर साल हजारों छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेशों का रुख कर रहे हैं। खासकर मेडिकल क्षेत्र में यह प्रवृत्ति अधिक देखी जा रही है। एक और चुनौती निजी मेडिकल कॉलेजों की उच्च फीस संरचना है, जो निम्न और मध्यम वर्गीय छात्रों के लिए बाधा बन रही है।
निजी मेडिकल कॉलेजों की सालाना फीस 60 लाख से 1 करोड़ रुपये तक हो सकती है।
देश में कुल मेडिकल सीटों का 48% से अधिक निजी कॉलेजों के पास है।
हाल ही में सरकार द्वारा प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण में भी इस मुद्दे पर चिंता जताई गई और शुल्क नियंत्रण की जरूरत पर जोर दिया गया।
आईआईटी में बुनियादी ढांचे का विकास
बजट में जिन पांच आईआईटी में सीटों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया गया है, वे हैं:
आईआईटी भिलाई
आईआईटी धनबाद
आईआईटी धारवाड़
आईआईटी जम्मू
आईआईटी गोवा
इसके अलावा, आईआईटी पटना में छात्रावास और अन्य सुविधाओं का विस्तार भी प्रस्तावित है।
मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में रिकॉर्ड भागीदारी
मेडिकल और इंजीनियरिंग में प्रवेश की कठिनाई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि:
पिछले साल नीट परीक्षा में 24 लाख से अधिक छात्रों ने भाग लिया।
वहीं, जेईई मेन परीक्षा में 10 लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए।