Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार की 5 निर्णायक सीटें, पिछली बार 1000 से कम मार्जिन से हुई थी हार-जीत , कुछ सौ वोट पूरा खेल बदल सकते हैं, इस बार मतदान के आँकड़े क्या दे रहे हैं संकेत ? पढ़िए

इस बार वोटिंग का जोश इतना जबरदस्त रहा कि उन 5 सीटों पर भी भारी मतदान हुआ, जहाँ 2020 में हार-जीत का अंतर 1000 वोट से भी कम था।

बिहार की 5 निर्णायक सीटें, पिछली बार 1000 से कम मार्जिन से हुई थी हार-जीत, इस बार क्या- फोटो : social Media

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान समाप्त हो गया और चुनाव आयोग के अनुसार शाम 6 बजे तक 64.7 फीसदी वोटिंग दर्ज की गईपिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए। इस बार वोटिंग का जोश इतना जबरदस्त रहा कि उन 5 सीटों पर भी भारी मतदान हुआ, जहाँ 2020 में हार-जीत का अंतर 1000 वोट से भी कम था। ये सीटें हैंबखरी, बरबीघा, भोरे, मटिहानी और हिलसा।इन सीटों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां मामूली सा स्विंग, चंद सौ वोट या महज़ एक बूथ का अंतर भी जीत का फ़ैसला बदल सकता है।बिहार विधानसभा चुनाव में कई ऐसी सीटें हैं जहां जीत-हार की दूरी एक कमरे की दीवार जितनी पतली और असर पूरे सूबे पर भारी। 2020 में जिन सीटों पर सैकड़ों या कुछ दर्जन वोटों ने सत्ता का फैसला लिख दिया, 2025 में वही सीटें फिर से सियासी अखाड़ा बनी हुई हैं। इनमें सबसे चर्चित हैं—बखरी, भोरे, बरबीघा, मटिहानी और हिलसा।

 बखरी (बेगूसराय)—कम अंतर, नई रणनीति, हाई-प्रोफ़ाइल टक्कर

2020 में CPI ने भाजपा को मात्र 777 वोट से शिकस्त दी थी।

CPI: 72,177

BJP: 71,400

2025 में समीकरण बदला—यह सीट LJP (R) के खाते में गई।

LJP(R): संजय पासवान

CPI: मौजूदा विधायक सूर्यकांत पासवान

इस सीट पर वोट का धर्म, जातीय गणित और वाम वोटबैंक का संतुलन, सब कुछ निर्णायक। थोड़ी सी चूक उम्मीदवार बदल सकती है।

भोरे (गोपालगंज)—462 वोट का खेल, इस बार नया चेहरा

2020 में अंतर सिर्फ 462 वोट का।

JDU: 74,067

CPI(ML): 73,605

2025 में मुकाबले के केंद्र में दो बातें—JDU: वही सुनील कुमार

CPI(ML): नया चेहरा—JNU छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष धनंजय

यह सीट संवेदनशील, यहाँ “क़दम छोटा, असर बड़ा”थोड़ा सा स्विंग पूरा खेल उलट सकता है।

 बरबीघा (शेखपुरा)—113 वोट ने जीत लिखी थी

2020 का रिज़ल्ट बिहार की सबसे चर्चित करीबी जीतों में से एक:

JDU: 39,878

Congress: 39,765

2025 में त्रिकोणीय मुकाबला:

JDU: नया उम्मीदवार—कुमार पुष्पंजय

Congress: दोबारा भरोसा—त्रिशूलधारी सिंह

Ind: पूर्व विधायक सुदर्शन कुमार अब निर्दलीय यहाँ “तीसरा उम्मीदवार” पूरा समीकरण पलट सकता है।

मटिहानी (बेगूसराय)—राजनीतिक पारी उलट-पलट

2020 में अंतर सिर्फ 333 वोट

LJP: 61,364

JDU: 61,031

2025 में पूरा खेल उलट गया:

जीतने वाले MLA राज कुमार सिंह LJP से जीते थे, अब JDU में शामिल और JDU के टिकट पर मैदान में।पिछले JDU उम्मीदवार नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ़ बोगो इस बार RJD के टिकट पर।मतलब—खिलाड़ी वही, जर्सी बदली हुई। वोटर उलझन में, मुकाबला दिलचस्प।

 हिलसा (नालंदा)—बिहार की सबसे नज़दीकी सीट, 2020 में जीत-हार का अंतर सिर्फ 12 वोट!

JDU: 61,848

RJD: 61,836

2025 में दोबारा वही आमने-सामने:

JDU: कृष्णमुरारी शरण उर्फ़ प्रेम मुखिया

RJD: अत्री मुनि उर्फ़ शक्ति सिंह यादव

यहाँ हर बूथ, हर वोट और हर समीकरण निर्णायक। 12 वोट की कहानी दोहराई जाएगी या इतिहास बदलेगा पूरे प्रदेश की नज़र यही टिकी है।इन पाँच सीटों पर राजनीति सिर्फ़ चुनाव नहीं, कला हैथोड़ा जातीय संतुलन, थोड़ा समीकरण, थोड़ा फ्लोटिंग वोट, और पूरा खेल नतीजों का मानचित्र बदल सकता है।2020 में सैकड़ों और दर्जनों वोटों ने बाज़ी पलटी थी, और 2025 में भी ये सीटें नतीजों का ट्रिगर पॉइंट बन चुकी हैं।

देशभर की नज़रें इन सीट पर है,इतिहास फिर दोहराया जाएगा या पासा पलट जाएगा?मतदान का संदेश क्या कहता है?भारी वोटिंग से साफ़ है कि जनता “स्टेटमेंट वोटिंग” कर रही है और इन सीटों पर हर वोट की अहमियत दोगुनी हो गई है। छोटे मार्जिन वाली सीटें सरकार बनाने का गणित बदल सकती हैं. पहला चरण खत्म, खेल शुरू।अब सभी की निगाहें 14 नवंबर की गिनती पर है , उसी दिन पता चलेगा कि कौन रचेगा इतिहास, कौन बनेगा इतिहास.