Bihar Vidhansabha Chunav 2025: जनता का फूट पड़ा गुस्सा ,रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे से हिला बक्सर , विधायक मुन्ना तिवारी को झेलना पड़ा विरोध

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही बक्सर सदर सीट पर सियासी तापमान तेजी से बढ़ गया है।

विधायक मुन्ना तिवारी को झेलना पड़ा विरोध- फोटो : reporter

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही बक्सर सदर सीट पर सियासी तापमान तेजी से बढ़ गया है। इस बार जनता के सब्र का बाँध टूटता दिख रहा है। वादों और भाषणों की राजनीति से ऊब चुकी जनता अब अपने प्रतिनिधियों से काम का हिसाब मांग रही है। शनिवार को बक्सर के कमरपुर गांव में इसका प्रत्यक्ष उदाहरण देखने को मिला, जब क्षेत्रीय विधायक संजय तिवारी उर्फ़ मुन्ना तिवारी को लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा।

ग्रामीणों का आरोप है कि कमरपुर की मुख्य सड़क वर्षों से बदहाल पड़ी है। बरसात में यह कीचड़ में बदल जाती है और गर्मी में धूल के गुबार से लोग बेहाल रहते हैं। “नेता लोग हर चुनाव में सड़क का वादा करते हैं, मगर नतीजा वही ढाक के तीन पात,” एक ग्रामीण ने कहा। लगातार अनदेखी से नाराज़ लोगों ने इस बार रोड नहीं तो वोट नहीं का ऐलान कर दिया।

जब विधायक मुन्ना तिवारी अपने समर्थकों के साथ चुनाव प्रचार के दौरान गांव पहुंचे, तो नारेबाज़ी शुरू हो गई मुन्ना तिवारी मुर्दाबाद, रोड बनाओ वरना जाओ। माहौल इतना गरम हुआ कि कुछ समय के लिए कार्यक्रम स्थल पर अफरा-तफरी मच गई। पुलिस और स्थानीय प्रशासन को दखल देना पड़ा। विधायक ने लोगों को समझाने की कोशिश की और आश्वासन दिया कि चुनाव के बाद सड़क निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी। मगर भीड़ का जवाब था कि अब भरोसे की नहीं, काम की जरूरत है। विरोध बढ़ता देख मुन्ना तिवारी को कार्यक्रम स्थल छोड़ना पड़ा।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह विरोध केवल एक गांव का नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र में पनप रहे असंतोष का संकेत है। वरिष्ठ पत्रकार अजय मिश्र ने कहा, “कमरपुर की यह घटना जनता के बदलते मूड की झलक है। अब लोग जाति या दल के बजाय विकास के मुद्दे पर वोट देने को तैयार हैं।”

बक्सर सदर सीट पर इस बार मुकाबला रोचक है। एक ओर महागठबंधन के उम्मीदवार और वर्तमान विधायक मुन्ना तिवारी हैं, तो दूसरी तरफ एनडीए ने पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा को मैदान में उतारा है। जनता किसे चुनेगी  वादे करने वाला या काम करने वाला  यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।फिलहाल, बक्सर की गलियों में एक ही नारा गूंज रहा है रोड नहीं तो वोट नहीं!

संदीप वर्मा की रिपोर्ट