Bihar Vidhansabha chunav 2025: महागठबंधन में सीट बंटवारे से पहले RJD ने जारी की पहली सूची, इन 31 नेताओं को मिली जगह
Bihar Vidhansabha chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी अब तेज़ी से बढ़ रही है। महागठबंधन में औपचारिक सीट शेयरिंग से पहले ही राष्ट्रीय जनता दल ने अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है।
Bihar Vidhansabha chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी अब तेज़ी से बढ़ रही है। महागठबंधन में औपचारिक सीट शेयरिंग से पहले ही राष्ट्रीय जनता दल ने अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में कुल 30 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं, जिनमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव का नाम भी है। वे अपने पारंपरिक क्षेत्र राघोपुर से एक बार फिर चुनाव लड़ेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, राजद की यह सूची महागठबंधन के अंदर शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखी जा रही है। पार्टी ने संकेत दे दिया है कि वह अपने दम पर भी तैयार है और सीट बंटवारे में किसी तरह की देरी नहीं चाहेगी।
इस सूची की सबसे चर्चित एंट्री दिवंगत बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब की है, जिन्हें सिवान के रघुनाथपुर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। यह कदम राजद के लिए सियासी और प्रतीकात्मक दोनों ही दृष्टि से अहम माना जा रहा है।
सूची में कई पुराने और प्रभावशाली नाम शामिल हैं हिलसा से शक्ति सिंह यादव, मनेर से भाई वीरेन्द्र, फतुहा से रामानंद यादव, दरभंगा ग्रामीण से ललित यादव, बहादुरपुर से भोला यादव, और समस्तीपुर से अख्तरुल इस्लाम शाहीन जैसे वरिष्ठ नेताओं को फिर से मौका दिया गया है।
नए चेहरों में परबत्ता से संजीव कुमार सिंह, शाहपुर से राहुल तिवारी, और मसौढ़ी से रेखा पासवान को टिकट दिया गया है। जबकि पिछली बार मंत्री रहे उजियारपुर से आलोक कुमार मेहता और शेखपुरा से विजय सम्राट को दोबारा उतारा गया है।
राजद की पहली सूची से साफ़ है कि पार्टी ने जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश की है। यादव, पासवान, मुसलमान, ब्राह्मण, भूमिहार और अति पिछड़ा वर्ग — सभी तबकों को प्रतिनिधित्व देने की रणनीति अपनाई गई है।
सूत्रों के अनुसार, महागठबंधन के अन्य घटक दलों — कांग्रेस, वाम दलों और वीआईपी पार्टी के साथ सीट शेयरिंग पर जल्द अंतिम सहमति बनने की संभावना है। तेजस्वी यादव के करीबी नेताओं का कहना है कि “यह लिस्ट केवल शुरुआत है, बाकी नाम सीट बंटवारे की प्रक्रिया पूरी होते ही घोषित किए जाएंगे।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि RJD की यह चाल नीतीश-भाजपा गठबंधन को यह संदेश देने के लिए भी है कि “महागठबंधन का नेतृत्व तेजस्वी के हाथों में पूरी तरह मज़बूत और निर्णायक है।”