Bihar Election 2025: दूसरे चरण का समीकरण उलझा, सहयोगियों पर टिकी एनडीए और महागठबंधन की सियासी बाजी, छोटे दल तय करेंगे सत्ता का रास्ता !

Bihar Election 2025:

छोटे दल तय करेंगे सत्ता का रास्ता!- फोटो : social media

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी सातवें आसमान पर है। चुनाव प्रचार का शोर अब थम गया है। 11 नवंबर यानी कल दूसरे चरण का मतदान होना है। वहीं मतदान को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी है। दूसरे चरण में 20 जिलों के 122 सीटों पर मतदान होना है। पहले चरण में रिकॉर्ड 65.01 फीसदी मतदान हुआ था। वहीं अब दूसरे चरण की बात करें तो दूसरे चरण में मुकाबला टक्कर की मानी जा रही है। इस चरण में एनडीए और महागठबंधन की किस्मत का फैसला छोटे दल करने वाले हैं। मुकाबला दिलचस्प माना जा रहा है। 

छोटे दल बचाएंगे या डुबाएंगे?

दूसरे चरण में दोनों ही गठबंधन के सहयोगी दलों का बेहतर प्रदर्शन उनके गठबंधन को मजबूत करेगा। यदि कोई दल कमजोर पड़ गया तो पूरे गठबंधन को इसका हर्जाना भुगतना पड़ सकता है। यानी कुल मिलाकर समझे तो छोटे दल तय करेंगे कि सत्ता का ताज किसके सर सजेगा। दूसरे चरण के चुनाव में दोनों ही गठबंधन के सहयोगी दलों का प्रदर्शन बेहतर होना आवश्यक है। एनडीए में जहां सहयोगी दल के रुप में चिराग पासवान, जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा हैं तो वहीं महागठबंधन में कांग्रेस और वीआईपी शामिल है। ये दले ही अपने गठबंधन का भविष्य तय करेंगे। 

एनडीए को देखें तो...

एनडीए की ओर से केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (राम विलास) 28 में से 15 सीटों पर मैदान में है। एनडीए में चिराग को कुल 29 सीटें मिली थीं, हालांकि एक उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो गया था। लोकसभा चुनाव में शत-प्रतिशत सफलता के बाद एनडीए ने चिराग की मांगों को अहमियत दी है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी हम (H.A.M) के 6 उम्मीदवार इसी चरण में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। एनडीए की दूसरी सहयोगी पार्टी रालोमो (उपेंद्र कुशवाहा) भी कुल 6 में से 4 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसी चरण में कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा का भविष्य भी दांव पर है।

मगध क्षेत्र तय करेगा किस्मत 

दूसरी ओर, महागठबंधन की किस्मत इस चरण में खास तौर पर मगध क्षेत्र में तय हो सकती है। 2020 के चुनाव में आरजेडी की अगुवाई वाले गठबंधन ने यहां की 26 में से 20 सीटों पर कब्जा जमाया था। इस बार कांग्रेस 61 में से 37 सीटों पर मैदान में है, जबकि (विकासशील इंसान पार्टी, VIP) प्रमुख मुकेश सहनी की पार्टी 12 में से 7 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। सहनी महागठबंधन के लिए निषाद समाज (2.6%) के वोटों पर भरोसा कर रहे हैं।

महागठबंधन की अच्छी पकड़

गौरतलब है कि 2020 में सहनी एनडीए का हिस्सा थे। तिरहुत क्षेत्र में फिलहाल एनडीए की पकड़ मजबूत मानी जा रही है, जहां महागठबंधन के पास 30 में से 23 सीटें हैं। मंगलवार को मधुबनी की 10 में से 8 सीटों पर मतदान होगा। वहीं, सीमांचल क्षेत्र में मुस्लिम आबादी के चलते मुकाबला और रोचक हो गया है। यहां एआईएमआईएम (ओवैसी की पार्टी) भी मैदान में है,जिसने पिछले चुनाव में 24 में से 5 सीटें जीती थीं।

कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला 

इसके साथ ही इस बार प्रशांत किशोर (PK) भी बिहार की राजनीति में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। उनकी सक्रियता से कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है। पहले चरण में एनडीए से जेडीयू ने 57 और बीजेपी ने 48 सीटों पर चुनाव लड़ा था। जबकि दूसरे चरण में जेडीयू 44 और बीजेपी 53 सीटों पर मैदान में है। महागठबंधन में आरजेडी 71 सीटों और सीपीआई (एमएल) 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।