Bihar Politics: बिहार में वोटर लिस्ट की आड़ में लोकतंत्र पर वार? कांग्रेस का बड़ा आरोप, दिग्विजय का कोर्ट जाने का ऐलान

Bihar Politics:कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के बयान ने राजनीतिक गलियारों में नई हलचल पैदा कर दी है।...

बिहार में बढ़ी चुनावी सियासत- फोटो : social Media

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पारा तेजी से चढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के बयान ने राजनीतिक गलियारों में नई हलचल पैदा कर दी है। मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर उन्होंने चुनाव आयोग और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसे लेकर अब मामला कोर्ट तक पहुंचने की बात कही जा रही है।

पटना के सदाकत आश्रम में पत्रकारों से बातचीत में दिग्विजय सिंह ने साफ कहा कि यह पुनरीक्षण अभियान संविधान विरोधी है और अगर आयोग नहीं मानता तो कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। उनका कहना है कि यह निर्णय गरीब, पिछड़े और वंचित वर्गों के मताधिकार को कुचलने की साजिश है। यही नहीं, उन्होंने यह भी खुलासा किया कि इस मुद्दे पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से चर्चा हो चुकी है और जल्द ही INDIA गठबंधन की बैठक बुलाने की बात तय हुई है।

कांग्रेस का आरोप है कि चुनाव आयोग, राज्य सरकार के इशारे पर काम करते हुए एक विशेष पार्टी को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। सिंह ने कहा कि 28 दिन में मतदाता सत्यापन जैसे जटिल कार्य को पूरा करना तथ्यात्मक रूप से असंभव है, खासकर बारिश के मौसम में जब ग्रामीण क्षेत्रों में दस्तावेजी पहुंच एक बड़ी चुनौती है।

दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि जिन दस्तावेजों की मांग की जा रही है, वे अधिकतर वंचित वर्गों के पास उपलब्ध नहीं हैं। इस तरह लाखों नामों को मतदाता सूची से जानबूझकर हटाया जा सकता है।

इस पूरे घटनाक्रम ने बिहार की राजनीति में विपक्ष को एक मजबूत नैरेटिव दे दिया है – "लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश"। दिग्विजय का ये बयान न केवल कांग्रेस की चुनावी रणनीति का हिस्सा है, बल्कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर वोटर सर्जरी का आरोप लगाकर वंचित वर्गों की नाराज़गी को भुनाने का प्रयास भी है।अब निगाहें इस पर हैं कि क्या वाकई कांग्रेस कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी, और INDIA गठबंधन इसे कैसे एक साझा चुनावी मुद्दा बनाएगा।