उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी लड़ेंगे विधानसभा चुनाव ! परबत्ता सीट फिर बन सकती है सियासी अखाड़ा

सम्राट चौधरी का सियासी मुकाबला परबत्ता विधानसभा क्षेत्र में होने की संभावना है. इसमें एक ओर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और दूसरी ओर डॉ संजीव कुमार हो सकते हैं, जो मौजूदा समय में इसी सीट से जदयू के विधायक हैं.

Deputy Chief Minister Samrat Choudhary- फोटो : news4nation

Samrat Choudhary : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं और इस बार भारतीय जनता पार्टी अपने कई बड़े चेहरों को सीधे चुनावी मैदान में उतार सकती है। खबरें हैं कि वर्तमान उपमुख्यमंत्री और विधान परिषद सदस्य सम्राट चौधरी भी इस बार विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। चर्चा है कि वे परबत्ता सीट से चुनावी रण में उतर सकते हैं। परबत्ता विधानसभा सीट सम्राट चौधरी के लिए नई नहीं है। वर्ष 2000 में उन्होंने इसी सीट से राजद के टिकट पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, इसके बाद उनका इस सीट पर सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है।


राजनीतिक सफर का लंबा इतिहास

2000 में सम्राट चौधरी (तब राकेश कुमार के नाम से) ने निर्दलीय उम्मीदवार रामानंद प्रसाद सिंह को हराकर पहली बार परबत्ता से जीत दर्ज की थी। लेकिन 2004 में उनके निर्वाचन को रद्द कर दिया गया, जिसके बाद उपचुनाव में जदयू के रामानंद प्रसाद सिंह ने उन्हें शिकस्त दी। इसके बाद 2005 में दो बार चुनाव हुए—फरवरी और अक्टूबर में—और दोनों ही बार सम्राट चौधरी को हार का सामना करना पड़ा। फरवरी में राजद के टिकट पर और अक्टूबर में निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए वे रामानंद प्रसाद सिंह से पराजित हुए।


2010 में उन्होंने जोरदार वापसी की और बेहद करीबी मुकाबले में रामानंद प्रसाद को 808 वोटों से हराकर सीट दोबारा जीती। लेकिन 2015 में यह सीट फिर जदयू के कब्जे में चली गई और रामानंद प्रसाद सिंह ने भाजपा उम्मीदवार रामानुज चौधरी को हराया। 2020 में परबत्ता से जदयू ने एक बार फिर जीत हासिल की। इस बार रामानंद प्रसाद सिंह के पुत्र डॉ. संजीव कुमार ने राजद उम्मीदवार दिगंबर प्रसाद तिवारी को महज 951 वोटों से हराकर सीट पर कब्जा बनाए रखा।


क्या फिर आमने-सामने होंगे सम्राट और कुमार?

सूत्रों की मानें तो अगर भाजपा ने सम्राट चौधरी को विधानसभा चुनाव में उतारने का निर्णय लिया, तो परबत्ता सीट उनकी पहली पसंद हो सकती है। यह उनकी पुरानी राजनीतिक भूमि रही है। वहीं, डॉ. संजीव कुमार वर्तमान में यहां के विधायक हैं, लेकिन हाल के दिनों में उनका रुख पार्टी (जदयू) के प्रति कुछ असहज दिखा है, जिससे मुकाबले की दिलचस्पी और बढ़ गई है।


ऐसे में अगर दोनों नेता आमने-सामने आते हैं, तो परबत्ता सीट बिहार चुनाव का सबसे चर्चित और रोमांचक मुकाबला बन सकती है। यह केवल एक विधानसभा सीट नहीं, बल्कि दो राजनीतिक विरासतों का सीधा टकराव होगा—एक तरफ सम्राट चौधरी और दूसरी ओर रामानंद परिवार के वारिस डॉ. संजीव कुमार।