Bihar Election 2025: बिहार के इन 11 सीटों पर आपस में लड़ेंगे महागठबंधन के उम्मीदवार, फ्रेंडली फाइट की स्थिति कहीं पड़ ना जाए भारी, टेंशन में तेजस्वी...
Bihar Election 2025: महागठबंधन के 11 प्रत्याशी आमने सामने हैं। एकजुट होकर एनडीए के सत्ता से बाहर फेंकने का दावा करने वाला महागठबंधन अब अपने आंतरिक कलह से ही बाहर नहीं निकल पा रहा है..पढ़िए आगे...
Bihar Election 2025: बिहार में महागठबंधन में खींचातानी साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। 243 सीटों पर महागठबंधन के 255 उम्मीदवार मैदान में हैं। 13 सीटों पर महागठबंधन की सीधा टक्कर होनी थी हालांकि 2 सीटों पर कांग्रेस और राजद ने अपना नामांकन वापस ले लिया लेकिन अब भी 11 सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशी आमने सामने हैं और महागठबंधन में फ्रेंडली फाइट देखने को मिल सकता है। इसी बीच आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजद सुप्रीमो लालू यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात करने पटना भी पहुंच रहे हैं। सूत्रों की मानें तो कल यानी 23 अक्टूबर को महागठबंधन साझा प्रेस कांफ्रेंस करेगी।
महागठबंधन में तकरार
बता दें कि, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन के अंदर सीट बंटवारे की तस्वीर अब साफ हो गई है। दूसरे चरण के नामांकन की आखिरी तारीख तक सहयोगी दलों ने अपने-अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। हालांकि, इस बार गठबंधन में तालमेल के बावजूद करीब एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर घटक दलों के बीच ‘फ्रेंडली फाइट’ की स्थिति बन गई है। राजद, कांग्रेस और वीआईपी ने अपने हिस्से की शेष सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की। सीट बंटवारे के बाद महागठबंधन ने राज्य की 243 सीटों पर कुल 255 उम्मीदवार उतारे हैं।
कई सीटों पर सुलझा पेंच
तमाम कोशिशों के बाद भी महागठबंधन में ‘फ्रेंडली फाइट’ यानी आपसी टकराव की स्थिति पूरी तरह खत्म नहीं हो सकी है। हालांकि लालगंज और रोसरा सीट पर उम्मीदवारों के नामांकन वापस लेने या रद्द होने के बाद इन सीटों पर फैंडली फाइट टल गई है, लेकिन अब भी कुल 11 सीटों पर महागठबंधन के घटक दल आमने-सामने हैं। लालगंज सीट से कांग्रेस उम्मीदवार ने नामांकन वापस लिया। तो वहीं रोसरा सीट से सीपीआई उम्मीदवार लक्ष्मण पासवान का नामांकन रद्द हो गया जिसके बाद इन दो सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवारों में टकराव नहीं होगी। जबकि 11 सीटों पर अब भी टकराव की स्थिति बनी हुई है।
इन सीटों पर फ्रेंडली फाइट
वैशाली – कांग्रेस- संजीव सिंह बनाम आरजेडी- अजय कुशवाहा
राजापाकर – सीपीआई- मोहित पासवान बनाम कांग्रेस- प्रतिमा दास
बिहार शरीफ – कांग्रेस- उमेर खान बनाम सीपीआई- शिव यादव
कहलगांव – कांग्रेस- प्रवीण सिंह बनाम आरजेडी- रजनीश यादव
सिकंदरा – कांग्रेस- विनोद चौधरी बनाम आरजेडी- उदय नारायण
वारिसलीगंज – कांग्रेस- सतीश सिंह उर्फ मंटन सिंह बनाम आरजेडी- अनीता देवी
बछवारा – सीपीआई- अवधेश राय बनाम कांग्रेस- शिव प्रकाश
चैनपुर – आरजेडी- ब्रिज किशोर बिंद बनाम वीआईपी- बालगोविंद
करगहर – सीपीआई- महेंद्र गुप्ता बनाम कांग्रेस- संतोष मिश्रा
नरकटियागंज – आरजेडी- दीपक यादव बनाम कांग्रेस- शाश्वत केदार
गौरा बौराम – वीआईपी- संतोष सहनी बनाम आरजेडी- अफजल अली
महागठबंधन में सीट समीकरण
तमाम विवादों के बाद महागठबंधन का सीट फॉर्मूला सामने आया। जिसमें राजद 143 सीटों पर, कांग्रेस 61 सीटों पर, भाकपा माले 20 सीट, भाकपा 9 सीट तो माकपा ने 4 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। वीआईपी के उम्मीदवार 15 सीट पर तो आईआईपी के 3 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इस बार महागठबंधन में कुल सात दल शामिल हैं, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में यह संख्या पाँच थी। पिछली बार राजद ने 144, कांग्रेस ने 70, भाकपा माले ने 19, भाकपा ने 6 और माकपा ने 4 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
‘फ्रेंडली फाइट’ से महागठबंधन को होगा नुकसान
महागठबंधन के घटक दलों के बीच कुल 13 सीटों पर आपसी मुकाबले की स्थिति है। हालांकि, कुछ सीटों पर यह विवाद सुलझ चुका है।कुटुंबा सीट पर राजद ने अपने प्रत्याशी सुरेश पासवान को नामांकन से रोक दिया। लालगंज सीट से कांग्रेस उम्मीदवार आदित्य साह ने नाम वापस ले लिया। रोसड़ा सीट पर भाकपा उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने से कांग्रेस के बीके रवि अब गठबंधन के एकमात्र प्रत्याशी रह गए। तारापुर सीट पर वीआईपी ने अपने उम्मीदवार सकलदेव बिंद का सिंबल वापस ले लिया। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सीट बंटवारे के बावजूद कई क्षेत्रों में आपसी असहमति बनी हुई है, जो गठबंधन की चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, शीर्ष नेतृत्व लगातार बातचीत के ज़रिए मतभेद दूर करने की कोशिश में जुटा है।