जेडीयू के 101 उम्मीदवारों में कुर्मी-कुशवाहा-धानुक को सर्वाधिक टिकट, भूमिहार- मुसलमान-यादव हुए कम, राजपूत का बढ़ा कद

नीतीश कुमार को बिहार में सोशल इंजीनयरिंग का मास्टर कहा जाता है और इसका नमूना इस बार के टिकट वितरण में भी दिख गया है.

JDU candidates - फोटो : news4nation

Nitish Kumar : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जनता दल (यूनाइटेड) ने अपने 101 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर जातीय समीकरणों को साधने की कोशिश की है। जारी वर्गीकरण के अनुसार, जेडीयू ने पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग सभी को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया है। वहीं मुस्लिम और महिलाओं को भी तब्बजो दी है।


जारी आंकड़ों के मुताबिक, सबसे अधिक उम्मीदवार कुशवाहा समुदाय से हैं जिनकी संख्या 13 है। वहीं, कुर्मी जाति से 12 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। यादव और धानुक समुदाय से 8-8 प्रत्याशी बनाए गए हैं। इसके अलावा भूमिहार से 9, राजपूत से 10, और ब्राह्मण से 2 प्रत्याशियों को मौका मिला है। वहीं 5 मांझी (मुसहर) और 5 रविदास को जबकि 2 पासी और पासवान-धोबी से 1-1 उम्मीदवार बनाया गया है। 


अति पिछड़े वर्ग में भी जेडीयू ने संतुलन साधने की कोशिश की है। इसमें मल्लाह, तेली, कंहार, पासवान, चंद्रवंशी, सोनार, नाई, लोहार, रजक, बढ़ई जैसी जातियों से कुल 37 उम्मीदवार शामिल हैं। मुस्लिम समाज से 4 प्रत्याशी मैदान में उतारे गए हैं, जबकि अनुसूचित जाति से 15 और अनुसूचित जनजाति से 1 उम्मीदवार को टिकट मिला है।


वर्गवार आंकड़ों के अनुसार, पिछड़ा वर्ग से 37, अति पिछड़ा वर्ग से 22, सामान्य वर्ग से 22, अनुसूचित जाति से 15, अनुसूचित जनजाति से 1 और अल्पसंख्यक वर्ग से 4 उम्मीदवार हैं। जेडीयू की इस सूची में कुल 13 महिलाएं भी शामिल हैं, जो पार्टी के सामाजिक संतुलन और लैंगिक प्रतिनिधित्व दोनों पर जोर को दर्शाती हैं। कुल मिलाकर, जेडीयू ने इस बार भी अपने परंपरागत “लव-कुश” (कुशवाहा-कुर्मी) समीकरण के साथ सभी वर्गों को साधने की रणनीति अपनाई है। इसके अतिरिक्त धानुक वर्ग को कुर्मी के समकक्ष माना जाता है उससे भी 8 उम्मीदवार हैं। 

2020 से बदला समीकरण

नीतीश कुमार ने वर्ष 2020 में 115 उम्मीदवार उतारे थे. उसमें अतिपिछड़ा - 19, यादव- 18, कुशवाहा -15,कुर्मी - 12, मुस्लिम - 11, भूमिहार - 10, धानुक - 8, राजपूत -7, वैश्य -3 ब्राह्मण - 2, जनजाति - 1 थे. इस बार मुस्लिम, यादव, भूमिहार प्रत्याशी की संख्या कम हुई है.