चुनाव आयोग की बैठक से जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी गायब, जानिए क्यों नहीं मिला दोनों को बुलावा

बैठक में कुल 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया था लेकिन इसमें जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी के दलों को निमन्त्रण नहीं मिला.

Election Commission meeting - फोटो : news4nation

Bihar Election 2025 :  बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर शनिवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में आयोग ने राज्य के सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ बैठक की। इस बैठक में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधु, डॉ. विवेक जोशी, बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी विनोद गुंजियाल और आयोग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।


बैठक में कुल 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया था — जिनमें छह राष्ट्रीय पार्टियां (जैसे भाजपा, कांग्रेस, आप, बसपा, सीपीआई, एनपीपी) और छह राज्य पार्टियां (जैसे जदयू, राजद, लोजपा (रामविलास), सीपीआई(एम-एल), रालोजपा और रालोसपा) शामिल थीं। हालांकि इस अहम बैठक में जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी को आमंत्रण नहीं मिला। दरअसल, उनकी पार्टियां — हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) — फिलहाल चुनाव आयोग से मान्यता प्राप्त दलों की सूची में शामिल नहीं हैं।


इसी कारण दोनों नेताओं को इस औपचारिक बैठक में भाग लेने का अवसर नहीं दिया गया। बैठक के दौरान आयोग ने सभी मान्यता प्राप्त दलों से चुनाव प्रक्रिया, सुरक्षा और आचार संहिता से जुड़े सुझाव मांगे। जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने जहां आयोग से राज्य में एक ही चरण में चुनाव कराने का अनुरोध किया है, वहीं भाजपा ने अधिकतम दो चरणों में चुनाव कराने का सुझाव दिया है. 


इसके अलावा, भाजपा ने आयोग को सुझाव दिया कि महिला मतदाताओं, खासकर बुर्का पहनने वाली महिलाओं की पहचान सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रावधान किए जाएं, ताकि मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे। भाजपा ने यह भी प्रस्ताव रखा कि चुनाव से 24 घंटे पहले प्रत्येक मतदाता को एसएमएस के माध्यम से सूचना दी जाए, जिससे मतदान प्रतिशत बढ़ाया जा सके और लोग समय पर मतदान केंद्र तक पहुंच सकें।