Bihar Vidhansabha chunav 2025: लालू का राजनीतिक मास्टरस्ट्रोक, राजद ने तेजप्रताप की साली करिश्मा को दिया टिकट, परिवार और गठबंधन में हलचल
Bihar Vidhansabha chunav 2025: पारिवारिक विवाद के बीच लालू ने परसा से तेजप्रताप यादव के साली को पार्टी का सिंबल दिया है।.....
Bihar Vidhansabha chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर सियासी समीकरण पलटने की कोशिश की है। पारिवारिक विवाद के बीच लालू ने परसा से तेजप्रताप यादव के साली को पार्टी का सिंबल दिया है। उन्होंने परसा से पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा राय की पोती डॉ. करिश्मा राय और छपरा से भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव की पत्नी चंदा देवी को टिकट देकर एक साथ पारिवारिक और राजनीतिक संदेश दिया है।
डॉ. करिश्मा राय पेशे से डेंटिस्ट हैं और तेजप्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या राय की चचेरी बहन हैं। उनके राजद में शामिल होने का मकसद सिर्फ सीट जीतना नहीं, बल्कि लालू परिवार और समधी चंद्रिका राय के कुनबे के बीच तल्खी को भी साधना माना जा रहा है। चंद्रिका राय अब जदयू में शामिल हो चुकी हैं, और परसा सीट से मुकाबला संभव था। इसी रणनीति के तहत तेजस्वी यादव ने करिश्मा को राजद में शामिल किया और दानपुर में सक्रिय कर दिया। दो दिन से वे जनसंपर्क अभियान चला रही हैं और कह रही हैं कि पार्टी जहां से कहेगी, वहीं से चुनाव लड़ेंगी।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि करिश्मा का शामिल होना लालू परिवार की नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने और यादव-राजपूत समीकरण साधने की रणनीति का हिस्सा है। करिश्मा ने कहा, “मैं राजद में किसी लालच से नहीं आई हूं, बल्कि तेजस्वी और तेजप्रताप के नेतृत्व में काम करने आई हूं। हर किरदार निभाने के लिए तैयार हूं। लालू परिवार मेरे लिए परिवार के समान है।” उनके लिए लालू और दारोगा राय का आदर्श एक मार्गदर्शक जैसा है।
दूसरी ओर, छपरा सीट पर भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव की पत्नी चंदा देवी को टिकट देकर राजद ने स्टार पावर और ग्रामीण वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। पार्टी को उम्मीद है कि युवा और ग्रामीण वोटरों में इसका सकारात्मक असर पड़ेगा।
इसी बीच महागठबंधन में सीट बंटवारे की जद्दोजहद भी जारी है। दिल्ली से लौटकर कांग्रेस अध्यक्ष और प्रभारी ने बुधवार की शाम 11 उम्मीदवारों को सिंबल दिए। कांग्रेस इस बार 61 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिनमें से 28 सीटों पर चयन पूरा हो चुका है। वामदलों ने भी उम्मीदवार तय कर लिए हैं; CPI ने अवधेश कुमार को सिंबल दिया है और कांग्रेस ने शिव प्रकाश गरीब दास को उम्मीदवार बनाया है।
साथ ही, पूर्व सांसद सूरजभान सिंह का इस्तीफा और उनकी पत्नी वीणा देवी के मोकामा सीट से राजद टिकट मिलने की चर्चा ने सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। जदयू ने इस सीट से बाहुबली अनंत सिंह को मैदान में उतारा है।
बहरहाल बिहार की राजनीति में यह दौर परिवारिक समीकरण, स्टार पावर और गठबंधन रणनीति का संगम साबित हो रहा है। लालू यादव ने अपने पुराने अंदाज में एक बार फिर खेल पलटने का प्रयास किया है और सूबे की सियासत को पूरी तरह रंगीन बना दिया है।