महागठबंधन में नई हलचल, सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी मोकामा से करेंगी नामांकन, राजद टिकट पर लड़ेंगी, अनंत सिंह की बढ़ सकती है मुश्कील
Bihar Vidhansabha chunav 2025: राजनीतिक गलियारों में इन दिनों सबसे ज़्यादा चर्चा पूर्व सांसद सूरजभान सिंह के इस्तीफे और उनकी संभावित नई राजनीतिक पारी को लेकर है।
Bihar Vidhansabha chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सूबे की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। राजनीतिक गलियारों में इन दिनों सबसे ज़्यादा चर्चा पूर्व सांसद सूरजभान सिंह के इस्तीफे और उनकी संभावित नई राजनीतिक पारी को लेकर है। बुधवार को सूरजभान सिंह ने पशुपति पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा, “मेरे लिए कोई पद मायने नहीं रखता। मैं स्वर्गीय रामविलास पासवान जी की विरासत को बचाने के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार हूं।”
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सूरजभान सिंह अब लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में शामिल हो सकते हैं। देर रात उन्होंने तेजस्वी यादव के आवास पर मुलाकात भी की, जिससे अटकलों को और हवा मिल गई। सूत्रों के मुताबिक, मोकामा सीट से सूरजभान की पत्नी वीणा देवी को राजद की ओर से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। इस सीट पर जदयू ने बाहुबली अनंत सिंह को टिकट दिया है, जिससे मुकाबला दिलचस्प होने वाला है।
सियासी पंडितों का मानना है कि सूरजभान सिंह का यह कदम महागठबंधन की रणनीति को और मज़बूत करेगा। दूसरी ओर, पशुपति पारस के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है। पारस ने हाल ही में यह ऐलान किया था कि वे महागठबंधन से अलग होकर तीसरा मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ेंगे। उनका कहना था कि महागठबंधन ने केवल चार सीटों का ऑफर दिया, जो उनकी पार्टी के प्रभाव और योगदान के हिसाब से “बेइंसाफी” है। इसी बयान के बाद सूरजभान सिंह ने पार्टी में “लोकतंत्र खत्म होने” का आरोप लगाते हुए त्यागपत्र दे दिया।
उधर, राजद खेमे में हलचल तेज़ है। तेजस्वी यादव ने राघोपुर विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है, जबकि मुकेश रोशन ने महुआ सीट से पर्चा भरा। इसके साथ ही कई राजद उम्मीदवारों को सिंबल भी दे दिया गया है। माना जा रहा है कि महागठबंधन के अंदर सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और राजद के बीच सहमति लगभग बन चुकी है, जबकि विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के मुखेश सहनी को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है।
बिहार की सियासत में जातीय समीकरण और गठबंधन की चालें हमेशा निर्णायक रही हैं। ऐसे में सूरजभान सिंह का आरजेडी में शामिल होना न सिर्फ़ मोकामा सीट का समीकरण बदल सकता है, बल्कि पूरे महागठबंधन की चुनावी रणनीति में नई दिशा भी दे सकता है। चुनावी हवा अब और तेज़ होती दिख रही है, और बिहार की ज़मीन पर एक बार फिर “दिलचस्प दंगल” तय है।