Bihar Election 2025: मोदी की प्रशंसा करने वाले को नीतीश ने 11 साल के लिए JDU से निकाला, अब उसी को दिया टिकट, बड़े मुस्लिम नेता को झटका

Bihar Election 2025: सीएम नीतीश ने एक समय पर जिस नेता को पीएम मोदी की तारीफ करने पर जदयू से निकाल दिया था उसी अब आनन फानन में अमौर सीट से प्रत्याशी बना दिया है...

नीतीश कुमार ने आनन फानन में बदला प्रत्याशी - फोटो : social media

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है। पहले चरण का नामांकन पूरा हो चुका है। एनडीए के सभी 243 उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है। वहीं महागठबंधन में ना तो सीट बंटवारे को लेकर सहमति बनी है और ना ही उम्मीदवारों की आधिकारिक घोषणा हुई है। हालांकि महागठबंधन में शामिल सभी दल अपने अपने प्रत्याशी को सिंबल बांट रहे हैं। टिकट कटने पर कई पुराने साथी साथ छोड़ रहे हैं तो वहीं कई नए साथी साथ आ भी रहे हैं। वर्षों के बिछड़े दोस्त भी मिल रहे हैं। तो वहीं वर्षों से साथ रहे दोस्त भी साथ छोड़ रहे हैं। इसी कड़ी में साबिर अली ने 11 साल बाद जदयू में वापसी की है। 

11 साल बाद पार्टी में वापसी 

जदयू ने अपने सभी प्रत्याशियों को पहले ही टिकट दे दिया था लेकिन बीते दिन अचानक एक बड़ा फेरबदल होता है और अमौर से जदयू पार्टी के प्रत्याशी बदल जाते हैं। जदयू के प्रत्याशी सबा जफर नामांकन करने पहुंचे ही थे कि खबर मिली कि उनके सिंबल को वापस ले लिया गया और  राज्यसभा के पूर्व सदस्य साबिर अली को अमौर विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। 

पीएम मोदी की तारीफ करने पर मिली थी सजा 

बता दें कि, साबिर अली 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने के कारण जदयू से निष्कासित किए गए थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जद(यू) ने यह घोषणा अचानक जारी किए गए बयान के माध्यम से की। दिलचस्प यह है कि इससे दो दिन पहले तक अमौर सीट से सबा जफर को उम्मीदवार बनाया गया था, जिन्होंने 2020 के चुनाव में दूसरा स्थान हासिल किया था। हालांकि, पार्टी ने अंतिम समय पर उन्हें हटाकर साबिर अली को टिकट दे दिया, लेकिन कारण स्पष्ट नहीं किया गया।

साबिर अली की जदयू में वापसी

साबिर अली शनिवार को पूर्णिया जिले में आयोजित कार्यक्रम में औपचारिक रूप से जदयू में लौट आए। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की करीबी और राज्य मंत्री लेशी सिंह भी मौजूद थीं। लेशी सिंह पास की धमदहा सीट से लगातार चौथी बार चुनाव लड़ रही हैं। साबिर अली का राजनीतिक सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। उन्होंने राजनीति की शुरुआत लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) से की और इसी पार्टी से राज्यसभा पहुंचे। इसके बाद वे जदयू में शामिल हुए और लगातार दूसरा कार्यकाल भी हासिल किया। लेकिन 2014 में प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करने पर उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।

निष्कासन के बाद बीजेपी में भी रहे

जदयू से निष्कासन के बाद साबिर अली भाजपा में शामिल हुए। हालांकि, कुछ वरिष्ठ नेताओं ने उन पर इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी यासीन भटकल से संबंध होने का आरोप लगाया, जिससे उन्हें भाजपा से निकाल दिया गया। बाद में 2015 में वे दोबारा भाजपा में लौटे और 2021 में पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव बने।

अब अमौर सीट से चुनाव

अब 11 साल बाद, साबिर अली फिर से नीतीश कुमार की पार्टी में लौट आए हैं और उन्हें अमौर सीट से चुनाव लड़ने का मौका मिला है। इस सीट पर उनका मुकाबला ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मौजूदा विधायक अख्तरुल इमान से होगा, जो बिहार में ओवैसी की पार्टी के एकमात्र विधायक हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम नीतीश कुमार की रणनीतिक चाल के तौर पर देखा जा रहा है। एक ओर अल्पसंख्यक वोटों को साधने की कोशिश, वहीं पुराने सहयोगियों को फिर से साथ लाने का संकेत। साबिर अली की वापसी और अमौर सीट से चुनाव मैदान में उतरना, चुनावी समीकरण को और दिलचस्प बना देगा।