Bihar Vidhansabha Chunav 2025: मुजफ्फरपुर में नीतीश की माला राजनीति पर सियासी बहस, रमा निषाद को माला पहनाने की घटना से तेजस्वी यादव ने उठाए ये सवाल

मुजफ्फरपुर में हाल ही में हुई एक एनडीए रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा औराई विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी रमा निषाद को माला पहनाने की घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। ...

मुजफ्फरपुर में नीतीश की माला राजनीति पर सियासी बहस- फोटो : social Media

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी अब रैलियों और जनसभाओं में पूरी तरह दिखने लगी है। मुजफ्फरपुर में हाल ही में हुई एक एनडीए रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा औराई विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी रमा निषाद को माला पहनाने की घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। इस  घटना को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने X हैंडल पर वीडियो शेयर कर सवाल उठाए “अगर नीतीश कुमार पूरी तरह स्वस्थ हैं, तो फिर लिखी हुई पर्ची के जरिए भाषण क्यों पढ़ रहे हैं? और ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं?”

हालांकि पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने इसे सामान्य मामला बताते हुए कहा “क्या हम बेटियों या देवियों को माला नहीं पहनाते? इसे मुद्दा क्यों बनाया जा रहा है? संजय झा पागल हो गए हैं।”

राजनीतिक परिदृश्य की बात करें तो, बीजेपी ने मुजफ्फरपुर के औराई विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक रामसूरत राय का टिकट काटकर रमा निषाद को मैदान में उतारा। रामसूरत राय, जो यादव समाज से संबंध रखते हैं, पिछले चुनाव 2020 में 48 हजार वोटों के अंतर से जीत चुके थे और दो बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी नाराज़गी जाहिर की और कहा कि उन्होंने पूरे पाँच साल क्षेत्र के विकास के लिए काम किया।

रमा निषाद की राजनीतिक पृष्ठभूमि भी दिलचस्प है। वह पूर्व सांसद अजय निषाद की पत्नी हैं। अजय निषाद ने पिछले साल के लोकसभा चुनाव में भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस का दामन थामा था, लेकिन हार के बाद फिर भाजपा में लौट आए। रमा कुछ समय पहले ही भाजपा में शामिल हुईं और उन्हें एनडीए का टिकट देकर पार्टी ने भरोसा जताया।

रमा निषाद का परिवार सियासत में लंबे समय से सक्रिय रहा है। उनके ससुर कैप्टन जय नारायण प्रसाद निषाद मुजफ्फरपुर क्षेत्र से चार बार सांसद रह चुके हैं और मंत्री भी रहे। उनके निधन के बाद अजय निषाद ने विरासत संभाली और 2014 व 2019 में भाजपा से सांसद चुने गए।

अब औराई सीट पर रमा निषाद और विपक्षी प्रत्याशी रामसूरत राय के बीच सीधे मुकाबले की तैयारियाँ चल रही हैं। भाजपा ने इस सीट पर परिवार की राजनीतिक विरासत और स्थानीय पहचान का कार्ड खेला है, जबकि विरोधी इसे स्थानीय प्रतिनिधित्व और पुरानी जीत का मुद्दा बनाकर चुनौती दे रहे हैं।