Bihar Election 2025: पहले चरण की 121 सीटों पर नामांकन कल से, एनडीए महागठबंधन में सीट बंटवारे पर अब तक नहीं बनी बात ! 6 नवंबर को होगा मतदान
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। कल यानी 10 अक्टूबर से पहले चरण के नामांकन की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी। 6 नवंबर को पहले चरण का मतदान होगा।
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बच चुका है। 10 अक्टूबर यानी कल से पहले चरण की 121 सीटों के लिए नामाकंन प्रक्रिया शुरु हो जाएगी। नामाकंन करने की आखिरी तिथि 17 अक्टूबर है। पहले चरण के 121 सीटों पर 6 नवंबर को वोटिंग होनी है। लेकिन बड़ी बात है कि अब तक ना ही एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर बात बनी है तो ना ही महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कोई घोषणाएं हुई है। सूत्रों की मानें तो दो ही दल एक से दो दिन में सीट बंटवारे पर मुहर लगा सकते हैं और प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर सकते हैं।
121 सीटों पर वर्तमान स्थिति
पहले चरण के 121 सीटों की बात करेंगे तो फिलहाल 62 सीटों पर एनडीए का कब्जा है, जबकि 59 सीटें महागठबंधन के पाले में हैं। चुनाव आयोग 10 अक्टूबर यानी कल पहले चरण की अधिसूचना जारी करेगा। इसके साथ ही नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उम्मीदवार 17 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे, जबकि 18 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। उम्मीदवार 20 अक्टूबर तक अपने नाम वापस ले सकेंगे। वहीं 4 नवंबर की शाम 5 बजे पहले चरण का प्रचार थम जाएगा, यानी प्रत्याशियों को प्रचार के लिए कुल 15 दिन का समय मिलेगा।
एनडीए की स्थिति
एनडीए की स्थिति की बात करें तो पहले चरण की 121 सीटों में एनडीए के पास सबसे अधिक 38 सीटें भाजपा के पास हैं। 2020 के चुनाव में भाजपा ने इनमें से 32 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद वीआईपी के चार विधायक भाजपा में शामिल हो गए, जबकि कांग्रेस के सिद्धार्थ सौरव भी भाजपा में आ गए। जदयू के पास इन सीटों में से 24 सीटें हैं। 2020 में लोजपा से जीते राजकुमार सिंह के जदयू में शामिल होने से पार्टी की संख्या में एक की बढ़ोतरी हुई। हम, रालोसोपा और चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) की इन 121 सीटों में कोई मौजूदा सीट नहीं है।
महागठबंधन की स्थिति
महागठबंधन की स्थिति को देखें तो महागठबंधन के पास इन 121 सीटों में 59 सीटें हैं। इनमें से राजद 41 सीटों पर काबिज है। कांग्रेस के 8 विधायकों की साख इस चरण में दांव पर होगी। वहीं, भाकपा (माले) की 7, सीपीआई और सीपीएम की दो-दो सीटें पहले चरण में शामिल हैं। वीआईपी के पास कोई सीट नहीं है।
2020 के नतीजें
2020 के विधानसभा चुनाव में पहले चरण की कई सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था। उदाहरण के तौर पर सहरसा में भाजपा ने राजद को हराया था, सिमरी बख्तियारपुर में राजद ने वीआईपी को मात दी, बेगूसराय में भाजपा ने कांग्रेस को हराया, आरा में भाजपा का सामना भाकपा माले से हुआ था, जबकि राघोपुर सीट पर राजद का कब्जा बरकरार रहा।
कई दिग्गज नेताओं की दांव पर प्रतिष्ठा
पहले चरण की 121 सीटें उत्तर बिहार और मगध क्षेत्र के कई जिलों में फैली हैं। जहां जातीय समीकरण और स्थानीय मुद्दे अहम भूमिका निभाने वाले हैं। एनडीए जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी के विकास एजेंडे पर भरोसा जता रहा है, वहीं महागठबंधन बेरोजगारी, महंगाई और किसान मुद्दों को लेकर जनता के बीच उतरने की तैयारी में है। कुल मिलाकर, पहले चरण का चुनाव बिहार की सियासत की दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है, क्योंकि इन 121 सीटों में कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है।