Bihar Vidhansabha Chunav 2025: शक है कोई वोटर फर्जी? आपत्ति दर्ज करने के लिए करना होगा काम, बस दो रुपये में मिलेंगे अधिकार और सुरक्षा

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में मतदाता सूची की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बिहार निर्वाचन आयोग ने विशेष निर्देश जारी किए हैं।

बिहार निर्वाचन आयोग का विशेष निर्देश- फोटो : social Media

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में मतदाता सूची की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बिहार निर्वाचन आयोग ने विशेष निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी मतदाता के फर्जी होने की आशंका है, तो उसे मतदान केंद्र पर चुनौती दी जा सकती है। इस प्रक्रिया को अपनाने के लिए चुनौतीकर्ता को मात्र दो रुपये नकद जमा करने होंगे, जिसकी प्राप्ति रसीद के माध्यम से प्रमाणित की जाएगी।

चुनौती की स्थिति में मतदान केंद्र पर ही पीठासीन अधिकारी चुनौती वाले मतदाता की पहचान और जांच करेंगे। यदि चुनौती सिद्ध नहीं होती है, तो जमा राशि दो रुपये सरकार के पक्ष में जब्त कर ली जाएगी। इसके साथ ही मतदान केंद्रों पर टेंडर वोट के लिए 20 छपे हुए मतपत्र भी उपलब्ध रहेंगे, ताकि किसी मतदाता के मतदान में बाधा न आए।

यदि किसी मतदाता के वास्तविक होने पर आपत्ति उठाई जाती है, तो मतदान अधिकारी बिना किसी विलंब के उसे पीठासीन अधिकारी के पास भेज देंगे और अन्य मतदाताओं के लिए मतदान प्रक्रिया जारी रखेंगे। चुनौती के समय पीठासीन अधिकारी मतदाता को स्पष्ट रूप से बताएंगे कि यदि वह वास्तविक मतदाता नहीं पाया गया, तो उसके विरुद्ध निर्वाचन आयोग की सुसंगत धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना और जेल भी शामिल हो सकता है।

चुनौती सिद्ध होने पर पीठासीन अधिकारी रसीद पर हस्ताक्षर करके दो रुपये चुनौतीकर्ता को वापस करेंगे। वहीं, यदि किसी मतदाता का नाम मतदाता सूची में है लेकिन उसने पहले ही मतदान कर दिया है और वह दावा करता है कि उसने वोट नहीं डाला, तो जांच के बाद उसे टेंडर वोट से मतदान की अनुमति दी जाएगी। इस प्रक्रिया में पीठासीन अधिकारी मतदाता की पहचान करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि वोटिंग प्रक्रिया बाधित न हो।

यह व्यवस्था चुनावी पारदर्शिता और लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा को मजबूत बनाती है। मतदाता सूची में किसी भी अनियमितता या फर्जीवाड़े की स्थिति में मतदान केंद्र पर तुरंत कार्रवाई का प्रावधान होने से चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनी रहेगी।