पवन सिंह की भाजपा में होगी घर वापसी ! आरके सिंह से हुई मुलाक़ात, 'नाराज राजपूत' से एनडीए को बड़ा खतरा

बिहार की सियासत में भाजपा राजपूत वोटरों को अपने पाले में मजबूती से बनाए रखने के लिए बड़ी तैयारी में दिख रही है. इसमें भोजपुरी कलाकार पवन सिंह की आरके सिंह से मुलाकात को उसी कड़ी में माना जा रहा है.

Pawan Singh met RK Singh- फोटो : news4nation

Pawan Singh : भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और राजनीति में अपनी खास पहचान बना चुके पवन सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात की तस्वीर पवन सिंह ने खुद सोशल मीडिया पर साझा की और लिखा, "एक नई सोच के साथ एक नई मुलाकात!" इस पोस्ट के बाद बिहार की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।


गौरतलब है कि पवन सिंह को बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल के आसनसोल से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उन्होंने वहां से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। इसके बाद पार्टी ने उन्हें 22 मई को निष्कासित कर दिया। बीजेपी से बगावत कर पवन सिंह ने बिहार के काराकाट सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा, जिसमें उन्होंने एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा को पराजित कर राजनीतिक हलकों में बड़ा उलटफेर कर दिया। पवन सिंह के चुनाव मैदान में उतरने से बिहार की राजनीति में खासतौर पर राजपूत वोट बैंक पर असर पड़ा। यह प्रभाव इतना गहरा था कि आरा से सांसद रहे आरके सिंह और औरंगाबाद से सुशील सिंह जैसे वरिष्ठ भाजपा नेता चुनाव हार गए। बक्सर में राजद प्रत्याशी सुधाकर सिंह की जीत भी इसी सामाजिक समीकरण का परिणाम मानी जा रही है, जो खुद भी राजपूत समुदाय से आते हैं। माना जा रहा है कि राजपूत समाज का एक बड़ा वर्ग इस बार एनडीए से नाराज होकर अलग दिशा में चला गया, जिसमें पवन सिंह की छवि और सक्रियता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


आरके सिंह ने लगाए थे आरोप 

आरके सिंह ने अपनी हार के बाद सार्वजनिक रूप से यह आरोप लगाया था कि पवन सिंह को भाजपा के ही कुछ नेताओं ने पैसे देकर काराकाट से चुनाव लड़वाया, ताकि राजपूत वोटों का बंटवारा हो और उनकी हार सुनिश्चित हो सके। इस बयान से भाजपा के अंदरूनी खेमों में टकराव की पुष्टि भी होती है। लेकिन अब पवन सिंह और आरके सिंह की मुलाकात को एक राजनीतिक समझौते के तौर पर देखा जा रहा है। इसे राजपूत समाज को एकजुट करने और आगामी चुनावों में उनकी नाराजगी दूर करने की एक रणनीति माना जा रहा है।


पवन सिंह की पत्नी लड़ेगी चुनाव !

पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के भी आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी की चर्चा है, जिससे संकेत मिलते हैं कि पवन सिंह राजनीति में अब और गहराई से उतरने जा रहे हैं। उनकी लोकप्रियता, खासकर भोजपुरी बेल्ट में, किसी से छुपी नहीं है। 2020 के विधानसभा चुनावों में भोजपुरी बेल्ट की 73 सीटों में से 45 महागठबंधन को मिली थीं, जबकि एनडीए को सिर्फ 27। यह आंकड़ा भी बताता है कि क्षेत्रीय समीकरणों को साधे बिना एनडीए को बड़ी सफलता मिलना मुश्किल है।


भाजपा में होगी वापसी !

पवन सिंह के जनसुराज (प्रशांत किशोर) में शामिल होने की अटकलें पहले भी लगती रही हैं, लेकिन अब आरके सिंह से उनकी नजदीकी और मुलाकात यह संकेत दे रही है कि भाजपा पवन सिंह को एक बार फिर अपने खेमे में लाने की कोशिश कर रही है। यह मुलाकात एक राजनीतिक समीकरण को फिर से जोड़ने की कोशिश हो सकती है, जिसमें राजपूतों की नाराजगी को दूर कर भाजपा अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहती है। बहरहाल, इस मुलाकात ने बिहार की राजनीति में हलचल जरूर मचा दी है। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा कि पवन सिंह की अगली राजनीतिक चाल क्या होगी और भाजपा उनके साथ किस तरह का रिश्ता बनाती है।