तेजस्वी नहीं ! मुख्यमंत्री का चेहरा ऐसे होगा तय, कांग्रेस ने बढ़ाई राजद की टेंशन, सीट बंटवारे पर भी बड़ी शर्त

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में सीटों का बंटवारा और मुख्यमंत्री का चेहरा को लेकर कांग्रेस ने बड़ी शर्त रखी है. इसमें बिहार के सीएम चेहरा पर कृष्णा अल्लावारू ने बड़ी घोषणा की है.

face of the Chief Minister in Bihar - फोटो : news4nation

Bihar Assembly Election : बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन से मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा इसे लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर राजद की टेंशन बढ़ा दी है. कांग्रेस नेता कृष्णा अल्लावारू ने बुधवार को दिल्ली में सीट बंटवारे सहित सीएम चेहरे को लेकर बड़ी शर्तों का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि बिहार का मुख्यमंत्री कौन होगा इसका फैसला बिहार की जनता करेगी. संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार का सीएम बिहार की जनता चुने तो बेहतर होगा. उन्होंने तेजस्वी यादव के नाम पर किसी प्रकार से कोई सहमति नहीं जताई. 


ससे पहले वोटर अधिकार यात्रा के दौरान राहुल गांधी भी महागठबंधन में सीएम फेस को सवाल को टाल गए थे. हालांकि, राजद और मुकेश सहनी की पार्टी VIP तेजस्वी को महागठबंधन का सीएम फेस प्रोजेक्ट कर चुके हैं. वहीं अल्लावारू ने एक बार से राजद सहित तेजस्वी की टेंशन बढ़ा दी है कि बिहार का मुख्यमंत्री कौन होगा इसका फैसला बिहार की जनता करेगी.


सीट बंटवारे पर बड़ा शर्त 

विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन के घटक दलों में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर कांग्रेस ने बड़ी शर्त रखी है. कृष्णा अल्लावारू ने कहा कि हमारा शुरू से कहना है कि गठबंधन में नए लोग और दल आएंगे. ऐसे में गठबंधन के हर साथी को अपनी कुछ सीटों को छोड़ना होगा. तभी नए दलों को महागठबंधन में स्पेस मिलेगा. उन्होंने साफ किया कि कांग्रेस या किसी भी दल जैसे राजद, वामदल आदि जब तक अपने मौजूदा सीटों के दावे को नहीं छोड़ेंगे तब तक नए दलों जैसे झामुमो और पशुपति पारस की रालोजपा को सीटें कैसे मिलेगी. इसके लिए सभी को बड़ा दिल दिखाना होगा. 


अच्छी-बुरी दोनों सीटों पर लड़ें चुनाव 

कांग्रेस ने राजद सहित महागठबंधन के अन्य दलों को एक और बड़ा संदेश दिया. उन्होंने कहा कि हर जगह कुछ अच्छी और कुछ बुरी सीटें होती हैं. ऐसे में हमारा मानना है कि कोई भी दल सिर्फ उन सीटों पर दावा ना ठोके जो उनके लिए जिताऊ सीट हो. सभी दलों को चाहिए सीट बंटवारे में बुरी सीटें यानी जहां उनके लिए ज्यादा चुनौती हैं उन सीटों पर भी चुनाव लड़ें. उन्होंने कहा कि सीटों के बंटवारे में अच्छे और बुरे सीटों का संतुलन होना चाहिए. साथ ही वक्त रहते सीट शेयरिंग को सकारात्मक रूप से अंतिम रूप देना होगा.