Bihar Election 2025: तेजस्वी के ये उम्मीदवार नामांकन के तुरंत बाद हुए गिरफ्तार, राजद प्रत्याशी के साथ हो गया खेला, जानिए पूरा मामला
Bihar Election 2025: राजद प्रत्याशी नामांकन कर बाहर निकले ही थे कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। कई दिनों से पुलिस को राजद प्रत्याशी की तलाश थी। पुलिस ने राजद प्रत्याशी को नामांकन केंद्र से उठा ले गई...पढ़िए आगे..
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर नामांकन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। बीते दिन दूसरे चरण की नामांकन की आखिरी दिन था। कई प्रत्याशी ने आखिरी दिन नामांकन किया। वहीं आखिरी दिन नामांकन के तुरंत बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के उम्मीदवार को गिरफ्तार कर लिया गया। नामांकन के तुरंत बाद गिरफ्तारी से इलाके में हड़कंप मच गया। समर्थकों ने जमकर बवाल काटा। वहीं पुलिस राजद प्रत्याशी को हिरासत में लेकर अपने साथ ले गई।
तेजस्वी के प्रत्याशी गए जेल
दरअसल, सासाराम विधानसभा सीट से राजद प्रत्याशी सत्येंद्र शाह को पुलिस ने नामांकन पत्र दाखिल करने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के अनुसार, सत्येंद्र शाह जैसे ही निर्वाची पदाधिकारी के कक्ष से बाहर निकले, सदर डीएसपी वन दिलीप कुमार के नेतृत्व में करगहर थाना पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। पुलिस ने बताया कि यह गिरफ्तारी लगभग 21 वर्ष पुराने एक मामले में कोर्ट से जारी वारंट के आधार पर की गई है।
इस कारण हुई गिरफ्तार
गढ़वा जिले के कांड संख्या 320/2004 में सत्येंद्र शाह पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 395, 397 और 120बी के तहत डकैती और साजिश के आरोप दर्ज हैं। वे लंबे समय से फरार चल रहे थे और गढ़वा व्यवहार न्यायालय से उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी था। गढ़वा के पुलिस अधीक्षक अमन कुमार ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है। गढ़वा पुलिस ने वारंट की तामील के लिए पहले ही रोहतास जिले की करगहर थाना पुलिस से संपर्क किया था। सोमवार को गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए सासाराम अनुमंडल कार्यालय परिसर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था।
नामांकन कर बाहर निकलते ही पुलिस ने किया गिरफ्तार
सत्येंद्र शाह को नामांकन दाखिल करने के बाद जैसे ही वे बाहर निकले करगहर थाना पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बाद में आवश्यक औपचारिकताओं के बाद उन्हें गढ़वा पुलिस के हवाले कर दिया गया, जो उन्हें अपने साथ गढ़वा लेकर चली गई। इस गिरफ्तारी से सासाराम विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। माना जा रहा है कि यह कदम महागठबंधन के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इससे मतदाताओं में नकारात्मक संदेश जा सकता है और जमानत मिलने तक प्रचार अभियान पर असर पड़ सकता है।
2010 में भी लड़ा था चुनाव
सत्येंद्र शाह वर्ष 2010 में कांग्रेस (जे) के प्रत्याशी के रूप में सासाराम से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें उन्हें छह हजार से अधिक मत प्राप्त हुए थे। करीब तीन वर्ष पहले उन्होंने अपनी पत्नी को सासाराम नगर निगम से मेयर पद के लिए मैदान में उतारा था। बताया जाता है कि डेढ़ दशक पहले उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे। नामांकन के दौरान परिसर में भारी पुलिस बल की मौजूदगी के कारण पहले से ही गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही थी।