Bihar Vidhansabha chunav 2025: एनडीए में सीट बंटवारे पर सियासी तूफ़ान, मांझी ने ठोकी ताल, बोले -चिराग के ख़िलाफ़ दो सीटों पर देंगे उम्मीदवार

एनडीए के भीतर असंतोष खुलकर सामने आ गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा तीनों नेताओं के नाराज़ तेवर ने एनडीए के भीतर हलचल बढ़ा दी है।

मांझी ने ठोकी ताल, बोले -चिराग के ख़िलाफ़ दो सीटों पर देंगे उम्मीदवार- फोटो : social Media

Bihar Vidhansabha chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एनडीए में सीट बंटवारे के बाद सियासी तापमान तेज़ हो गया है। एक ओर महागठबंधन अपने समीकरण साधने में जुटा है, तो दूसरी ओर एनडीए के भीतर असंतोष खुलकर सामने आ गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा  तीनों नेताओं के नाराज़ तेवर ने एनडीए के भीतर हलचल बढ़ा दी है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाराज़गी जताने के बाद, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने उनके रुख़ का समर्थन करते हुए बड़ा ऐलान कर दिया है। मांझी ने कहा, “मुख्यमंत्री का ग़ुस्सा बिलकुल जायज़ है। जब निर्णय हो चुका है, तो फिर जेडीयू की सीट पर कोई दूसरा सिंबल कैसे दे रहा है?”

मांझी ने स्पष्ट कहा कि वे भी चिराग पासवान के कोटे की दो सीटों  बोधगया और मखदुमपुर  पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, “मैं किसी के ख़िलाफ़ नहीं हूँ, पर मुख्यमंत्री के स्टेप से सहमत हूँ। हमारी पार्टी दो सीटों पर सिंबल देगी।”

2020 के चुनाव में मखदुमपुर (एससी) सीट से हम ने देवेंद्र मांझी (जो जीतनराम मांझी के दामाद हैं) को मैदान में उतारा था, लेकिन आरजेडी के सतीश कुमार ने उन्हें शिकस्त दी थी। वहीं बोधगया सीट पर बीजेपी ने हरि मांझी को उतारा था, जहां आरजेडी के कुमार सर्वजीत विजयी रहे। इस बार ये दोनों सीटें लोजपा (रामविलास) के खाते में गई हैं, जिस पर मांझी ने आपत्ति जताई है।

एनडीए में सीट बंटवारे के तहत भाजपा और जेडीयू को 101-101 सीटें, चिराग पासवान को 29 सीटें, जबकि मांझी और कुशवाहा को मात्र 6-6 सीटें मिली हैं। दोनों छोटे घटक दल इसे अपमानजनक मान रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार भी इस वितरण से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं और उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा है कि “सम्मान से समझौता नहीं किया जाएगा।”

अब सवाल यह है कि एनडीए में बढ़ती नाराज़गी को प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय नेतृत्व कैसे संभालते हैं। क्योंकि अगर मांझी और कुशवाहा ने बग़ावत की राह अख़्तियार की, तो बिहार चुनाव में एनडीए के लिए यह भीतरघात साबित हो सकता है।