Bihar Vidhansabha chunav 2025: राघोपुर से आज नामांकन दाख़िल करेंगे तेजस्वी यादव, लालू यादव और राबड़ी देवी की दांव पर है विरासत

नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के युवा नेता तेजस्वी प्रसाद यादव बुधवार को अपने पारंपरिक विधानसभा क्षेत्र राघोपुर से नामांकन दाख़िल करेंगे।

राघोपुर से आज नामांकन दाख़िल करेंगे तेजस्वी यादव- फोटो : social Media

Bihar Vidhansabha chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के रण में आज एक अहम सियासी पड़ाव आने वाला है। नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के युवा नेता तेजस्वी प्रसाद यादव बुधवार को अपने पारंपरिक विधानसभा क्षेत्र राघोपुर से नामांकन दाख़िल करेंगे। यह उनका इस सीट से लगातार तीसरा चुनाव होगा। नामांकन के बाद वे महागठबंधन के उम्मीदवारों के समर्थन में चुनावी प्रचार का आग़ाज़ करेंगे।

राजद सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी यादव का चुनाव प्रचार अभियान गुरुवार से शुरू होगा। पार्टी ने उनकी रैलियों का विस्तृत कार्यक्रम तैयार कर लिया है। अनुमान है कि तेजस्वी प्रतिदिन कम से कम 15 चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे, और कई मौक़ों पर यह संख्या 18 तक पहुँच सकती है।

राजद और महागठबंधन दोनों ही खेमों में तेजस्वी को सबसे प्रभावशाली प्रचारक माना जा रहा है। उनकी सभाओं में उमड़ने वाली भीड़ और युवाओं के बीच लोकप्रियता को देखते हुए, सहयोगी दलों — कांग्रेस, वाम दलों और वीआईपी पार्टी  ने भी अपने-अपने उम्मीदवारों के क्षेत्रों में तेजस्वी की सभाओं की मांग की है।

तेजस्वी यादव के साथ वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी भी कई चुनावी सभाओं में मंच साझा करेंगे। महागठबंधन की रणनीति यह है कि तेजस्वी हर क्षेत्र में रोजगार, विकास और सामाजिक न्याय के एजेंडे के साथ जनता के बीच जाएँ।

पार्टी नेताओं का कहना है कि तेजस्वी इस बार अपने प्रचार अभियान को “नौकरी और नौजवान” जैसे मुद्दों पर केंद्रित करेंगे। पिछली बार (2020) के चुनाव में उन्होंने रिकॉर्ड 263 जनसभाएँ की थीं और कई मौकों पर एक ही दिन में 16 से 18 सभाएँ संबोधित की थीं। कई बार देर शाम हेलिकॉप्टर न उड़ पाने की स्थिति में वे सड़क मार्ग से ही पटना लौटे थे।

राजद कार्यालय ने यह भी संकेत दिया है कि तेजस्वी इस बार भी “नौकरी संवाद” जैसी इंटरएक्टिव पहल शुरू करेंगे, जिसमें वे फेसबुक लाइव और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए युवाओं से सीधा संवाद करेंगे।

बिहार की राजनीति में राघोपुर सीट को “लालू परिवार का क़िला” कहा जाता है, और अब देखना यह होगा कि तेजस्वी इस चुनावी जंग में अपने इस गढ़ को कितना मज़बूत बना पाते हैं  क्योंकि महागठबंधन के लिए उनकी जीत ही पूरे अभियान की दिशा तय करेगी।