दुर्गा पूजा के मेला में बारिश करेगी खेला! जानिए कैसा रहेगा बिहार-झारखंड और बंगाल का मौसम
Weather Forecast: दुर्गा पूजा का त्योहार देश के कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है, खासकर पश्चिम बंगाल और झारखंड में जहां बड़े-बड़े पंडाल सजते हैं और रातभर भक्त मां दुर्गा के दर्शन करने पहुंचते हैं। लेकिन इस बार इस त्योहार पर मौसम की मार पड़ने का खतरा मंडरा रहा है। बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से में बने निम्न दबाव के क्षेत्र ने गहराते हुए बंगाल, झारखंड और बिहार में भारी बारिश की संभावना पैदा कर दी है।
बंगाल में भूस्खलन का खतरा
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है, खासकर पहाड़ी जिलों जैसे दार्जिलिंग और कलिम्पोंग में। इन क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा भी है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है। विभाग ने बताया कि बंगाल और बांग्लादेश के तटीय इलाकों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है। दुर्गा पूजा के दौरान यह बारिश भक्तों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है, क्योंकि पंडालों में भीड़भाड़ के बीच जलजमाव और तेज हवाएं वातावरण को प्रभावित कर सकती हैं।
झारखंड में भी अलर्ट जारी
झारखंड के भी कई हिस्सों में अगले दो दिनों तक बारिश और वज्रपात का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र ने पूर्वानुमान जताया है कि चतरा, गुमला, पलामू, गढ़वा और सिमडेगा को छोड़कर राज्य के पूर्वी और मध्य हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इसके साथ ही बादल छाए रहेंगे और थोड़ी उमस भी महसूस की जा सकती है। 5 और 6 अक्टूबर को पूरे राज्य में बादल छाए रहने की संभावना है, जिससे दुर्गा पूजा के उत्सव में खलल पड़ सकता है।
बिहार में भी बारिश की संभावना
बिहार में भी मौसम विभाग ने बारिश और आकाशीय बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया है। पिछले कुछ दिनों से बारिश का दौर धीमा पड़ गया था, लेकिन बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के कारण अब फिर से तेज बारिश हो सकती है। राज्य के 17 जिलों में पहले से ही बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, जहां 14.62 लाख लोग प्रभावित हैं। ऐसे में दुर्गा पूजा के दौरान बारिश का और बढ़ना परेशानी का सबब बन सकता है।
पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत में भी बारिश बढ़ने की संभावना
मौसम विभाग ने पूर्वोत्तर भारत, केरल और तमिलनाडु में भी अगले छह-सात दिनों में बारिश बढ़ने की संभावना जताई है। वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी की अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं।