Jharkhand News: झारखंड में अनोखी परीक्षा! न प्रश्नपत्र, न उत्तर पुस्तिका, छात्रों को खुद लाना पड़ा पेपर
झारखंड में कक्षा 3 से 8 तक की वार्षिक परीक्षाओं में इस बार एक अजीबोगरीब व्यवस्था देखने को मिली। शिक्षा विभाग ने स्कूलों में प्रश्नपत्र भेजने के बजाय 'गुरुजी ऐप' पर प्रश्नपत्र अपलोड किए, जिससे बच्चों को घर से पेपर लाने या बाजार से पेज खरीदने पड़े।

झारखंड के गुमला में इस बार कक्षा 3 से 8 तक की वार्षिक परीक्षाएं अजीबोगरीब तरीके से ली जा रही हैं। बच्चों को न तो प्रश्नपत्र मिला और न ही उत्तर पुस्तिका। बच्चों से कहा गया कि वे घर से पेपर लेकर आएं। अगर घर पर कॉपी नहीं है, तो बाजार से पेज खरीदकर उसी में परीक्षा दें। पता चला कि इस बार शिक्षा विभाग ने स्कूलों में प्रिंटेड प्रश्नपत्र भेजने के बजाय 'गुरुजी ऐप' पर प्रश्नपत्र अपलोड किए हैं। शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे ऐप से प्रश्न निकालकर ब्लैकबोर्ड पर लिखें और बच्चे उन प्रश्नों को कॉपी में कॉपी करके उत्तर दें।
गुमला जिले के कई प्रखंडों में भी यही स्थिति रही। 'प्रभात खबर' की टीम जब अलग-अलग स्कूलों में पहुंची, तो पाया कि हर जगह ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न लिखे जा रहे थे और बच्चे कॉपी में उत्तर लिखकर नकल कर रहे थे। गुमला जिले के कई स्कूलों में शिक्षकों को इस नई व्यवस्था से काफी परेशानी उठानी पड़ी। जिले में कई ऐसे स्कूल हैं, जहां पहली से आठवीं तक की पढ़ाई एक ही कैंपस में होती है। शिक्षकों की कमी के कारण एक ही शिक्षक को कई कक्षाओं में जाकर ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न लिखने पड़ते हैं।
रायडीह प्रखंड के 148 स्कूलों में यही स्थिति रही। बीपीओ सुप्रिया कुमारी के अनुसार विभाग ने इस बार प्रिंटेड प्रश्नपत्र नहीं भेजा, बल्कि गुरुजी एप पर ही प्रश्नपत्र अपलोड कर दिया गया है। गुमला के कामडारा, बिशुनपुर, चैनपुर, भरनो और पालकोट प्रखंड में परीक्षा की यही व्यवस्था रही। बीपीओ सरफराज के अनुसार सभी स्कूलों को गुरुजी एप से प्रश्नपत्र डाउनलोड कर ब्लैकबोर्ड पर लिखने का निर्देश दिया गया था। इस नई व्यवस्था से बच्चे और अभिभावक दोनों परेशान हैं। बच्चों को अपने घर से प्रश्नपत्र लाना पड़ा, जबकि शिक्षकों को कई कक्षाओं में जाकर प्रश्न लिखने पड़े।