Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट ने शिक्षक नियुक्ति मामले में सरकार और जेपीएससी से मांगा जवाब, टैबुलर चार्ट प्रस्तुत करने का दिया आदेश
Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट में शिक्षक नियुक्ति परीक्षा की मेरिट लिस्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। अदालत ने सरकार और जेएसएससी से जवाब मांगा और नियुक्त शिक्षकों की सूची प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट में शिक्षक नियुक्ति परीक्षा की मेरिट लिस्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई जस्टिस आनंद सेठ की पीठ ने किया। सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार और जेएसएससी से इस मामले पर जवाब मांगा है और कोर्ट ने जोपीएससी से नियुक्त किए गए शिक्षकों की टैबुलर चार्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है।
इस मामले पर अगली सुनवाई 8 मई को होगी
दरअसल एक याचिकाकर्ता के द्वारा झारखंड शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर हाईकोर्ट में शिकायत की गई थी और आरोप लगाया गया था कि कई सफल अभ्यर्थी, जिनका अंक प्रार्थियों से कम है, उनकी भी नियुक्ति की गई है। इस मामले की अगली सुनवाई 8 मई को होगी।
जेपीएससी के अधिवक्ता ने अरोपों का किया खंडन
जेएसएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल एवं प्रिंस कुमार ने कोर्ट को बताया कि प्रार्थियों का यह कथन गलत है कि प्राप्तांक राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट में अंतिम चयनित अभ्यर्थी से कम है।प्रार्थी अपनी दलील सही ठहराने के लिए वैसे लोगों का उदाहरण दे रहे हैं, जिनकी नियुक्ति जिला स्तरीय मेरिट लिस्ट के आधार पर हुई थी और जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत संरक्षित थे।
नियुक्ति की अनुशंसा में किसी तरह की खामी नहीं
सुप्रीम कोर्ट द्वारा सत्यजीत कुमार के मामले में दिए गए आदेश के आलोक में जेएसएससी ने राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट के तहत नियुक्ति की अनुशंसा की है। नियुक्ति की अनुशंसा में किसी तरह की खामी नहीं है। प्रार्थियों ने कोई स्पष्ट तथ्य नहीं लाया, जिससे साबित हो कि उनकी नियुक्ति की अनुशंसा नहीं किया जाना गलत है।
कम अंक पाने वाले की भी हुई नियुक्ति
इस मामले में प्रार्थियों का दावा है कि जेपीएससी ने कम अंक पाने वाले को भी नियुक्ति प्रदान की गई है। वर्ष 2016 में जो हाई स्कूल शिक्षक की नियुक्ति का विज्ञापन निकला था, उसके आलोक में उनकी भी नियुक्ति होनी चाहिए। अगर हाईस्कूल शिक्षकों की रिक्तियां बची हैं तो उनकी भी नियुक्ति की जाए।