Jharkhand News: झारखंड की बेटी ने पूरे देश में लहराया परचम, आईसीएसई की 10वीं बोर्ड परीक्षा में 100 प्रतिशत अंक लाकर हासिल किया पहला स्थान

Jharkhand News: झारखंड के जमशेदपुर की बेटी शांभवी जायसवाल ने आईसीएसई की 10वीं बोर्ड परीक्षा में 100 प्रतिशत अंक हासिल कर पूरे देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। शांभवी के इस कारनामे से पूरे झारखंड में हर्ष का माहौल है।

Jharkhand News: झारखंड की बेटी ने पूरे देश में लहराया परचम, आईसीएसई की 10वीं बोर्ड परीक्षा में 100 प्रतिशत अंक लाकर हासिल किया पहला स्थान
झारखंड की बेटी ने पूरे देश में लहराया परचम- फोटो : SOCIAL MEDIA

Jamshedpur: झारखंड की बेटी शांभवी जायसवाल ने नया कीर्तिमान रच दिया है। शांभवी जायसवाल ने आईसीएसई की 10वीं बोर्ड परीक्षा में 100 प्रतिशत अंक हासिल कर पूरे देश में पहला स्थान प्राप्त किया है।लोयोला स्कूल की छात्रा शांभवी ने सेल्फ स्टडी के दम पर यह मुकाम हासिल किया। शांभवी के इस उपलब्धि पर झारखंड ही नही, पूरा देश गर्व कर रहा है। 

कंप्यूटर साइंस इंजीनियर बनना चाहती है शांभवी

शांभवी के पिता अभिषेक जायसवाल, मेहर बाई टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में रेडियोलॉजिस्ट हैं, और मां ओजस्वी शंकर, मणिपाल हॉस्पिटल कॉलेज में वरिष्ठ गायनोकोलॉजिस्ट हैं। शांभवी भविष्य में कंप्यूटर साइंस इंजीनियर बनना चाहती हैं और पेंटिंग में भी उनकी गहरी रुचि है।

सेल्फ स्टडी के बल पर हासिल किया मुकाम

शांभवी ने अपनी इस सफलता का श्रेय उनकी कड़ी मेहनत, आत्मविश्वास और समय का सही उपयोग को बताया है। उन्होंने हर विषय को गहराई से पढ़ा, नियमित अभ्यास किया और अपनी कमियों को सुधारा। बिना किसी कोचिंग या अतिरिक्त क्लास के, शांभवी ने घर पर ही सेल्फ स्टडी के बल पर यह मुकाम हासिल किया।

पहला स्थान हासिल करना सपने जैसा

शांभवी के माता-पिता दोनों ही डॉक्टर हैं और शिक्षा के क्षेत्र में उनकी अपनी मिसाल है। पिता अभिषेक जायसवाल, मेहर बाई टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के रेडियोलॉजी विभाग में प्रमुख हैं, जबकि मां ओजस्वी शंकर, मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। पिता अभिषेक ने बताया कि जब हमें पता चला कि शांभवी ने पूरे देश में टॉप किया है, तो पहले यकीन नहीं हुआ। वह स्कूल में हमेशा अव्वल रही, लेकिन देश में पहला स्थान हासिल करना सपने जैसा है। हम भगवान से उसकी तरक्की की प्रार्थना करते हैं।


लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा है शांभवी

शांभवी की यह उपलब्धि उन लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा है जो अपने जीवन में सपने देखते हैं और उसे साकार करना चाहते हैं। शांभवी की यह सफलता इस बात को साबित करता है कि बिना किसी कोचिंग संस्थान का सहारा लिए, सही दिशा में मेहनत करने से और माता-पिता के सहयोग से भी बड़ी सफलता हासिल की जा सकती है।



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