IVF का दर्द: फराह खान की संघर्ष भरी जर्नी, हर दिन झेलने पड़े 5 इंजेक्शन
फराह खान ने अपनी IVF जर्नी को 'दर्दनाक' बताया। उन्होंने बताया कि हर दिन 5 इंजेक्शन लेना पड़ा और हार्मोनल उतार-चढ़ाव झेलना पड़ा। जानें, IVF के फिजिकल और इमोशनल चैलेंज।
इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) आज के समय में उन दंपतियों के लिए एक उम्मीद की किरण है, जो बांझपन का सामना कर रहे हैं। हालांकि, यह प्रक्रिया जितनी कारगर है, उतनी ही शारीरिक और मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण भी है। हाल ही में निर्देशक और कोरियोग्राफर फराह खान ने अपनी IVF जर्नी साझा की, जिसे उन्होंने 'दर्दनाक' बताया।
फराह खान का अनुभव
फराह ने बताया कि IVF के दौरान उन्हें हर दिन 5 इंजेक्शन लेने पड़ते थे। इन इंजेक्शनों का उद्देश्य उनके शरीर को अंडे निकालने के लिए तैयार करना था। प्रेग्निल नामक हार्मोन को पेट और जांघों में लगाना होता था, जो बेहद दर्दनाक था। उन्होंने कहा, "लोग यह नहीं समझते कि यह प्रक्रिया कितनी मुश्किल है। हार्मोनल थेरेपी के दौरान मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन और इमोशनल उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है।"
IVF प्रक्रिया के चरण और दुष्प्रभाव
1. हार्मोनल थेरेपी
IVF के शुरुआती चरण में अंडाशय को एक्टिव करने के लिए हार्मोनल थेरेपी दी जाती है। यह थेरेपी शरीर को अंडों के निर्माण और भ्रूण के आरोपण के लिए तैयार करती है।
2. ओवेरियन हाइपरस्टिम्यूलेशन सिंड्रोम (OHSS)
हार्मोनल थेरेपी के दौरान कुछ महिलाओं में OHSS का खतरा होता है। इसमें अंडाशय सूज जाते हैं और पेट में दर्द, मतली और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
3. भावनात्मक और मानसिक प्रभाव
हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन आम हैं। यह प्रक्रिया मानसिक रूप से मजबूत होने की मांग करती है। फराह ने इस दौरान पति के सहयोग को महत्वपूर्ण बताया।
IVF के लिए मानसिक तैयारी जरूरी
IVF न केवल एक शारीरिक प्रक्रिया है, बल्कि यह मानसिक और भावनात्मक रूप से भी काफी चुनौतीपूर्ण है। फराह ने कहा कि इस प्रक्रिया के दौरान एक सकारात्मक सोच और इमोशनल सपोर्ट बहुत जरूरी है।
IVF के लाभ और सीमाएं
IVF ने कई दंपतियों को माता-पिता बनने का सुख दिया है, लेकिन यह प्रक्रिया सभी के लिए नहीं होती। इसकी सफलता दर उम्र, स्वास्थ्य और हार्मोनल स्थिति पर निर्भर करती है।
निष्कर्ष
फराह खान की IVF जर्नी उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो इस प्रक्रिया से गुजर रही हैं। यह हमें यह समझने का मौका देती है कि माता-पिता बनने की राह में कितने संघर्ष और बलिदान होते हैं। IVF को अपनाने से पहले इसके सभी पहलुओं को समझना और मानसिक रूप से तैयार रहना बेहद जरूरी है।