रोज करें ये 3 योग, अल्जाइमर का खतरा होगा कम और सुधर जाएगी मेंटल हेल्थ

अल्जाइमर की बीमारी के खतरे को कम करने के लिए दवाइयों के साथ-साथ योग भी प्रभावी हो सकता है। नियमित योगासन से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार और अल्जाइमर के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।

Alzheimer

अल्जाइमर एक ब्रेन डिसऑर्डर है, जो धीरे-धीरे याददाश्त, सोचने की क्षमता और व्यवहार में बदलाव का कारण बनता है। यह डिमेंशिया का एक प्रमुख कारण है और 65 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों में इसका खतरा अधिक होता है। हालांकि, यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है।


अल्जाइमर के कारणों में उम्र, पारिवारिक इतिहास, बिना इलाज का डिप्रेशन, जीवनशैली और पर्यावरणीय कारक प्रमुख हैं। इस बीमारी के मुख्य लक्षणों में भूलने की आदत, नई जानकारी को याद न रख पाना, और दैनिक कार्यों में कठिनाई महसूस करना शामिल है। हालांकि, इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन सही देखभाल और कुछ योगासनों के नियमित अभ्यास से इसके प्रभावों को नियंत्रित किया जा सकता है।


अल्जाइमर के खतरे को कम करने के लिए 3 प्रभावी योगासन

योग के माध्यम से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है, जिससे अल्जाइमर जैसी बीमारियों के प्रभाव को कम किया जा सकता है। आइए जानें तीन प्रमुख योगासनों के बारे में जो इस स्थिति में मददगार हो सकते हैं:


पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)

पश्चिमोत्तानासन एक seated forward bend पोज है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। इस आसन से शरीर में रक्तसंचार बढ़ता है, मानसिक तनाव कम होता है और यह आत्मविश्वास को बढ़ाता है। नियमित अभ्यास से दिमागी स्फूर्ति और शांति मिलती है, जो अल्जाइमर के खतरे को कम करने में मदद करता है।


वृक्षासन (Vrikshasana)

वृक्षासन, जिसे ट्री पोज भी कहा जाता है, मानसिक शांति और संतुलन को बढ़ावा देता है। इसे करते समय आपका पूरा ध्यान और ऊर्जा एकाग्र होती है, जिससे मस्तिष्क के न्यूरॉन कनेक्शन मजबूत होते हैं। यह आसन मानसिक स्पष्टता और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करता है, जिससे अल्जाइमर की संभावना कम हो सकती है।


वज्रासन (Vajrasana)

वज्रासन एक महत्वपूर्ण योगासन है जो मस्तिष्क के रक्तसंचार को बढ़ाता है और मानसिक शांति प्रदान करता है। यह आसन शरीर के अंदर ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करता है और दिमाग को स्थिर रखता है। इसके नियमित अभ्यास से मानसिक तनाव और चिंता कम होती है, जो अल्जाइमर के जोखिम को घटाने में मदद करता है।


योग के अन्य फायदे

योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि मानसिक शांति और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। नियमित योगासन से शरीर में रक्तसंचार बेहतर होता है, तनाव कम होता है, और मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार होता है। इस प्रकार, योग के अभ्यास से अल्जाइमर जैसी बीमारियों से बचाव और उनका प्रभाव कम किया जा सकता है।


निष्कर्ष

हालांकि अल्जाइमर का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन योग के माध्यम से इस बीमारी के जोखिम को कम किया जा सकता है। नियमित रूप से इन योगासनों का अभ्यास करने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार और जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि हो सकती है।


डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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