Kidney Disease:चेतावनी! अगर आपने इन बातों पर ध्यान नहीं दिया तो 'सड़' सकती है आपकी किडनी, तुरंत जानें बचाव के तरीके!

Kidney Disease:क्या आप जानते हैं कि आपकी जीवनशैली का सीधा असर आपकी किडनी (गुर्दे) पर पड़ता है? अगर आप अपनी किडनी को स्वस्थ रखने के लिए ज़रूरी कदम नहीं उठाते हैं, तो यह धीरे-धीरे डैमेज होकर सड़ भी सकती है। यह सिर्फ़ एक चेतावनी नहीं, बल्कि एक हक़ीक़त है जिससे बचने के लिए हमें जागरूक होना बेहद ज़रूरी है। आईजीआईएमएस के यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रोहित उपाध्याय के अनुसार, पर्याप्त पानी न पीना, ग़लत खान-पान और शराब-धूम्रपान जैसी आदतें सीधे तौर पर आपके गुर्दों को नुक़सान पहुँचाती हैं। मधुमेह (डायबिटीज), उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) और कुछ दवाएँ गुर्दे की बीमारी के कुछ आम और ख़तरनाक कारण हैं।

आईजीआईएमएस के यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रोहित उपाध्याय के अनुसार गुर्दे को स्वस्थ रखने के लिए ये बातें गांठ बांध लें:

पर्याप्त पानी पिएं: पानी आपके गुर्दों को शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। यह एक प्राकृतिक फ़िल्टर की तरह काम करता है।

स्वस्थ आहार लें: अपनी डाइट में ज़्यादा से ज़्यादा फल, सब्ज़ियाँ और साबुत अनाज शामिल करें। ये गुर्दे के लिए फ़ायदेमंद होते हैं।

नमक और चीनी का सेवन कम करें: ज़रूरत से ज़्यादा नमक और चीनी गुर्दों पर बुरा असर डालते हैं। प्रोसेस्ड फ़ूड (संसाधित भोजन) से बचें।

शराब और धूम्रपान से बचें: ये आदतें गुर्दे की बीमारी के ख़तरे को काफ़ी बढ़ा देती हैं। इनसे दूरी बनाना ही बेहतर है।

दवाओं का सेवन सावधानी से करें: बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा, ख़ासकर दर्द निवारक (जैसे NSAIDs), न लें। कुछ दवाएँ गुर्दों को सीधा नुक़सान पहुँचा सकती हैं।

नियमित रूप से व्यायाम करें: रोज़ाना एक्सरसाइज़ करने से वज़न कंट्रोल में रहता है और रक्त संचार (ब्लड सर्कुलेशन) बेहतर होता है, जो गुर्दों के लिए अच्छा है।

रक्तचाप और मधुमेह को नियंत्रित करें: अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज है, तो इसे कंट्रोल में रखना बेहद ज़रूरी है। ये दोनों बीमारियाँ गुर्दों को सबसे ज़्यादा नुक़सान पहुँचाती हैं।

नियमित स्वास्थ्य जाँच करवाएँ: अपने गुर्दों के स्वास्थ्य की जानकारी के लिए समय-समय पर डॉक्टर से जाँच करवाते रहें। शुरुआती स्टेज में बीमारी का पता चलने से इलाज आसान होता है।

इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें, तुरंत डॉक्टर से मिलें!

आईजीआईएमएस के यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रोहित उपाध्याय के अनुसार, यदि आपको गुर्दे की बीमारी के कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। इन लक्षणों में थकान, शरीर में सूजन (ख़ासकर पैरों और आँखों के पास), पेशाब में बदलाव (जैसे बार-बार पेशाब आना या पेशाब की मात्रा कम होना), त्वचा में खुजली, भूख में कमी, या मतली/उल्टी शामिल हैं। गुर्दे की बीमारी का जल्द पता लगाने और समय पर इलाज शुरू करने से इसे बढ़ने से रोका जा सकता है और गुर्दों को बचाया जा सकता है।

डॉ. उपाध्याय बताते हैं कि गुर्दे की बीमारी के कुछ सामान्य कारण हैं: मधुमेह, जो इसका एक प्रमुख कारण है; उच्च रक्तचाप, जो गुर्दे की रक्त वाहिकाओं को नुक़सान पहुँचा सकता है; कुछ दवाएँ जैसे NSAIDs; गुर्दे के संक्रमण; और जेनेटिक कारक, जिससे कुछ लोगों को गुर्दे की बीमारी होने का ख़तरा ज़्यादा होता है। अपनी किडनी का ख़्याल रखें, क्योंकि यह आपके शरीर का एक अनमोल हिस्सा है।