दिवाली के धुएं से अछूता न रहा देश का सबसे साफ-शहर, इंदौर में एयर क्वालिटी में आई रिकॉर्ड बढ़ोतरी
इंदौर प्रशासन को वाहन प्रदूषण और सड़क की धूल पर और नियंत्रण, सार्वजनिक जागरूकता को बढ़ावा देने और त्योहारों के दौरान प्रदूषण पर रोकथाम जैसे कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।
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Diwali 2024 Indore: मध्य प्रदेश का शहर इंदौर, जिसे भारत का सबसे स्वच्छ शहर माना जाता है। यहां भी दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट का सामना कर रहा है। पीटीआई के अनुसार, शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 को पार कर गया, जो गंभीर श्रेणी में का माना जाता है। मामले पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मानदंडों के अनुसार, यह स्तर सामान्य स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।
शहर के छोटी ग्वालटोली क्षेत्र में दिवाली के दौरान जोरदार आतिशबाजी और भारी वाहन आवागमन के कारण प्रदूषण का स्तर 404 तक पहुंच गया। इसके अलावा, शांत हवाओं ने स्थिति को और गंभीर बना दिया क्योंकि हवाओं की धीमी गति ने प्रदूषकों को वातावरण में अधिक समय तक बनाए रखा। शुक्रवार को हवा की गति शून्य किमी प्रति घंटा दर्ज की गई, जिससे प्रदूषकों का प्रसार नहीं हो सका।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) श्रेणियां
0-50: अच्छा
51-100: संतोषजनक
101-200: मध्यम
201-300: खराब
301-400: बहुत खराब
401-500: गंभीर
इंदौर के वायु प्रदूषण का मुख्य कारण
क्लीन एयर कैटलिस्ट के एक अध्ययन के अनुसार, इंदौर के वायु प्रदूषण में मुख्य योगदानकर्ता वाहन प्रदूषण और सड़क की धूल हैं, जो कि कुल प्रदूषण का 70 प्रतिशत हिस्सा है। दिवाली के समय बढ़ी हुई आतिशबाजी ने भी प्रदूषण में वृद्धि की, जिससे सामान्य रूप से संतोषजनक श्रेणी में रहने वाली वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर तक गिर गई।
इंदौर का स्वच्छता मॉडल
इंदौर अपने बेहतरीन कचरा प्रबंधन प्रणाली के कारण लगातार सात वर्षों तक भारत के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में प्रतिष्ठित रहा है। शहर में अपशिष्ट पृथक्करण, कंपोस्टिंग कार्यक्रम और कचरे के रचनात्मक पुन: उपयोग को प्रोत्साहित किया जाता है। आई कैरी माई बैग जैसे अभियानों ने एकल-उपयोग प्लास्टिक के उपयोग को घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जबकि विभिन्न रीसाइक्लिंग केंद्र न केवल कचरे का पुन: उपयोग करते हैं बल्कि स्थानीय रोजगार का भी समर्थन करते हैं।
समाधान और भविष्य की जरूरतें
इस घटना ने स्पष्ट किया है कि स्वच्छता के मामले में उत्कृष्टता प्राप्त करने वाले शहरों को भी वायु गुणवत्ता बनाए रखने के लिए ठोस योजनाओं की जरूरत है। इंदौर प्रशासन को वाहन प्रदूषण और सड़क की धूल पर और नियंत्रण, सार्वजनिक जागरूकता को बढ़ावा देने और त्योहारों के दौरान प्रदूषण पर रोकथाम जैसे कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।