Baba Siddique Murder case: 10 वीं की बोर्ड परीक्षा में 78% लाने वाला लड़का कैसे बना हत्यारा? जानें धर्मराज से जुड़ी हर बात

धर्मराज एक होनहार छात्र थे, जिन्होंने 10वीं कक्षा की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया। उनके परिवार का सपना था कि वह एक डॉक्टर बनें, और धर्मराज भी इस दिशा में कदम बढ़ा रहे थे।

Baba Siddique Murder case: 10 वीं की बोर्ड परीक्षा में 78% लाने वाला लड़का कैसे बना हत्यारा? जानें धर्मराज से जुड़ी हर बात
बाबा सिद्दीकी के हत्यारें की कहानी - फोटो : SOCIAL MEDIA

Baba Siddique Murder case: उत्तर प्रदेश के मूल निवासी धर्मराज राजेश कश्यप, जो एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए गिरफ्तार किए गए शूटरों में से एक हैं। उसकी लाइफ पटरी पर चल रही थी। वो एक उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ रहा था। धर्मराज ने कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में 78% अंक हासिल किए थे और उनके परिवार ने उन्हें डॉक्टर बनाने के लिए प्रेरित किया था। परंतु, उनका जीवन जल्द ही सोशल मीडिया के आकर्षण में फंस गया, जिसने उन्हें अपराध के रास्ते पर धकेल दिया।


धर्मराज की शिक्षा और शुरुआती जीवन

धर्मराज एक होनहार छात्र थे, जिन्होंने 10वीं कक्षा की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया। उनके परिवार का सपना था कि वह एक डॉक्टर बनें, और धर्मराज भी इस दिशा में कदम बढ़ा रहे थे। लेकिन, जैसा कि उनके बड़े भाई अनुराग ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, सोशल मीडिया ने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया। सोशल मीडिया पर गैंगस्टरों द्वारा पैसों और ताकत का दिखावा धर्मराज को प्रभावित करने लगा। धर्मराज धीरे-धीरे इन चीजों के मोह में फंसते चले गए।


गैंगस्टरों से प्रभावित होकर गलत रास्ते पर चल पड़ा धर्मराज

धर्मराज के भाई अनुराग ने बताया कि सोशल मीडिया पर लॉरेंस बिश्नोई जैसे गैंगस्टर उनके आदर्श बन गए थे। गैंगस्टरों के जीवनशैली और उनके कारनामों के आकर्षण ने धर्मराज को अपराध की ओर खींचा। अनुराग ने इस पर अफसोस जताते हुए कहा, "मैं अपने छोटे भाई की देखभाल नहीं कर पाने के लिए खुद को धिक्कारता हूं।" धर्मराज की यह यात्रा एक चेतावनी है कि कैसे सोशल मीडिया का गलत उपयोग युवाओं के जीवन को गलत दिशा में ले जा सकता है।


12वीं की परीक्षा में असफलता और अपराध की ओर बढ़ता कदम

धर्मराज ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा देने का प्रयास किया, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाए। इसके बाद उन्होंने अपराध के रास्ते पर कदम बढ़ाया और पुणे के लिए रवाना हो गए, जहां उन्होंने एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मुख्य संदिग्ध शिवकुमार गौतम के साथ मिलकर साजिश रची। शिवकुमार, जो धर्मराज से उम्र में छोटे हैं लेकिन ज्यादा परिपक्व नजर आते हैं, केवल 5वीं कक्षा तक ही पढ़े थे। अनुराग ने बताया कि जब वे गांव में थे, तब दोनों ने कोई हिंसक व्यवहार नहीं किया था।


बाबा सिद्दीकी हत्याकांड 

पूर्व कांग्रेस नेता और एनसीपी सदस्य बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर को मुंबई के निर्मल नगर इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह गोलीबारी उनके बेटे और विधायक जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर हुई थी। मुंबई पुलिस ने इस हत्याकांड के सिलसिले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो शूटर—हरियाणा के गुरमेल सिंह और उत्तर प्रदेश के धर्मराज कश्यप—शामिल हैं।


मुख्य संदिग्ध फरार 

मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीमें अभी भी मुख्य शूटर शिवकुमार गौतम की तलाश में जुटी हैं, जो इस मामले में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। शिवकुमार और धर्मराज दोनों की आपराधिक गतिविधियों से पहले कोई हिंसक इतिहास नहीं था, लेकिन सोशल मीडिया के प्रभाव और गैंगस्टरों की चमक-धमक ने इन्हें अपराध की अंधेरी दुनिया में धकेल दिया।


सोशल मीडिया का प्रभाव

धर्मराज कश्यप की कहानी इस बात का एक कड़ा उदाहरण है कि कैसे सोशल मीडिया के आकर्षण में फंसकर एक होनहार छात्र का जीवन बर्बाद हो सकता है। गैंगस्टरों की डींगें और दिखावा ने धर्मराज को अपराध के रास्ते पर ले जाने में अहम भूमिका निभाई। आज वह अपने जीवन के सबसे खराब दौर से गुजर रहा है, और उसका परिवार खुद को उसकी देखभाल न कर पाने के लिए दोषी मान रहा है।


धर्मराज का यह सफर एक चेतावनी है कि कैसे युवाओं को सोशल मीडिया के गलत प्रभाव से बचाने की आवश्यकता है, ताकि वे अपने उज्जवल भविष्य की ओर लौट सकें और सही दिशा में आगे बढ़ सकें।

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