खाना खाने और बनाने के गजब के शौकीन थे वाजपेयी, जानें कैसे चाव से खाते थे कोई भी डिश

शाकाहार और मांसाहार दोनों के प्रति प्रेम। अटल बिहारी वाजपेयी शाकाहार को लेकर हठधर्मी नहीं थे। उन्हें लड्डू, कुल्फी, और ठंडाई जितनी पसंद थी, उतना ही वे मछली और मीट का भी आनंद लेते थे।

खाना खाने और बनाने के गजब के शौकीन थे वाजपेयी, जानें कैसे चाव से खाते थे कोई भी डिश
अटल बिहारी वाजपेयी खाने के शौकीन- फोटो : social media

Atal bihari vajpayee Special Story: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को न केवल एक सर्वमान्य नेता बल्कि एक अद्वितीय व्यक्तित्व के रूप में याद किया जाता है। उनका सम्मान केवल उनके समर्थकों तक सीमित नहीं था, बल्कि विरोधी भी उनके व्यक्तित्व और नेतृत्व के कायल थे। यहां तक कि जवाहरलाल नेहरू जैसे नेता भी उनकी प्रशंसा करने से नहीं चूके।  अटल जी की कविताएं आज भी प्रेरणा देती हैं, लेकिन उनका जीवन केवल कविताओं तक सीमित नहीं था। वे खाने के शौकीन, यात्रा प्रेमी, और सरल जीवन जीने वाले व्यक्ति थे।

खाने के शौकीन: हर स्वाद का सम्मान

शाकाहार और मांसाहार दोनों के प्रति प्रेम। अटल बिहारी वाजपेयी शाकाहार को लेकर हठधर्मी नहीं थे। उन्हें लड्डू, कुल्फी, और ठंडाई जितनी पसंद थी, उतना ही वे मछली और मीट का भी आनंद लेते थे।

खानों से जुड़ी यादें

ग्वालियर में बचपन बिताने के दौरान बहादुरा के बूंदी के लड्डू और दौलतगंज की मंगौड़ी उनकी पसंदीदा रही।कानपुर में छात्र जीवन के दौरान ठग्गू के लड्डू, बदनाम कुल्फी, और भिंड-मुरैना की गज्जक उनकी पसंद बनी।मालपुआ और खीर उनके मीठे की सूची में हमेशा शीर्ष पर रहे।

मांसाहार का स्वाद

अटल जी को झींगा मछली और मुर्ग मुसल्लम खास पसंद थे।भोपाल के मदीना रेस्तरां से उनका पसंदीदा मुर्ग मुसल्लम अक्सर दिल्ली भेजा जाता था।

होली और ठंडाई का प्यार

होली के मौके पर ठंडाई के बिना अटल जी की होली अधूरी रहती थी। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के मुताबिक, वाजपेयी जी ने एक बार उज्जैन में ठंडाई के लिए तीन गिलास भांग का ऑर्डर दिया, जिसमें बादाम और किशमिश की खास डिमांड की।

यात्रा और प्रकृति से जुड़ाव

अटल जी को सागर के किनारे और हिमालय की चोटियां बेहद पसंद थीं।उनकी यात्राएं उनके व्यक्तित्व की गहराई और उनके विचारों की व्यापकता को दर्शाती थीं।

तांगा और सादगी

एक बार उज्जैन यात्रा के दौरान, उन्होंने कार के बजाय तांगे से मंदिर जाने की इच्छा जताई। यह घटना उनके जीवन की सादगी और परंपराओं के प्रति जुड़ाव को दर्शाती है।

खाना बनाने का शौक

खाने के शौकीन अटल जी खाना बनाना भी जानते थे। उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार तवलीन सिंह को बताया था कि उन्हें खिचड़ी, हलवा, और खीर बनाना बहुत पसंद है, और वे इसके लिए समय निकालते थे।

अटल जी का व्यक्तित्व: जीवन का हर रंग

अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन केवल राजनीति और कविताओं तक सीमित नहीं था। उनका व्यक्तित्व सजीवता, सरलता, और सादगी का प्रतीक था। उन्होंने जीवन के हर पहलू को पूरे मन से जिया, और उनकी स्मृतियां आज भी हर भारतीय के दिल में जीवित हैं।

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