Constitution Day Of India : दिल्ली में ही नहीं, यहाँ भी रखी गयी है 'भारत के संविधान' की मूल प्रति, हाथ से लिखने में घिस गयी 432 पेन की निबें
Constitution Day Of India : आज पूरे देश में संविधान दिवस मनाया जा रहा है। लेकिन क्या आपको पता है की संविधान की मूल प्रति कहाँ रखी गयी है...आईये आपको हम बताते है....

N4N DESK : आज पुरे देश में संविधान दिवस मनाया जा रहा है। दो साल 11 माह और 18 दिन में आज के दिन ही 1949 में संविधान बनकर तैयार हुआ था। जिसे संविधान सभा ने राष्ट्र को समर्पित किया था। इसे पुरे देश में 26 जनवरी 1950 को पुरे में देश में लागू कर दिया गया था।
2015 के पहले इस दिन को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था। लेकिन संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के रूप में 26 नवम्बर 2015 को पहली बार भारत सरकार द्वारा संविधान दिवस सम्पूर्ण भारत में मनाया गया।
हालाँकि सबके मन में यह सवाल आता है की जिस संविधान के तहत भारत का शासन और प्रशासन चलता है। उसकी मूल प्रति फ़िलहाल कहाँ और किस हालत में है। उसकी देखभाल कैसे की जाती है। उसे कहाँ सुरक्षित रखा गया है। दरअसल संविधान की 16 मूल प्रतियाँ बनाई गयी थी। इनमें से एक को भारत सरकार ने ग्वालियर के सिंधिया राजवंश को भेंट किया था। जिसे 31 मार्च 1956 को ग्वालियर की सेंट्रल लाइब्रेरी में आम जनता के लिए रखा गया। तब से यह लाइब्रेरी की शोभा बढ़ा रही है।
यह हस्तलिखित प्रति है। इसमें कई ऐतिहासिक चित्र और इनमें डॉ. बी.आर. अंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद और पंडित जवाहरलाल नेहरू जैसे 287 सदस्यों के हस्ताक्षर हैं। इसे कैलीग्राफी में लिखा गया है। प्रेम बिहारी ने इसे कॉन्स्टिट्यूशन हॉल में लिखा। इसमें उन्हें लगभग 6 महीने लगे। इसमें सुनहरी स्याही का इस्तेमाल किया गया है। इसे लिखने में 432 पेन की निब घिस गईं।