DONALD TRUMP NEWS - अयोध्या मंदिर का समर्थन करनेवाले भारतीय मूल का यह शख्स बन सकता है अमेरिका के सबसे बड़ी जांच एजेंसी CIA का मुखिया

DONALD TRUMP NEWS - अमेरिका के नए राष्ट्रपति चुने जाने के बाद भारतवंशी काश पटेल चर्चा में आ गए है। बताया जा रहा है कि ट्रंप के करीबी काश पटेल को सीआईए का चीफ बनाया जा सकता है। काश पटेल को मोदी का समर्थक माना जाता है।

DONALD TRUMP NEWS - अयोध्या मंदिर का समर्थन करनेवाले भारतीय मूल का यह शख्स बन सकता है अमेरिका के सबसे बड़ी जांच एजेंसी CIA का मुखिया
काश पटेल बनेंगे सीआईए चीफ।- फोटो : NEWS4NATION

DESK - अमेरिकी राष्ट्रपति की चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने  भारतवंशी कमला हैरिस को हरा दिया है। लेकिन इसके बाद भी भारत के लिए अच्छी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है अमेरिका की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीआईए के चीफ के रूप में भारतीय मूल के काश पटेल की नियुक्ति की जा सकती है। काश पटेल ट्रंप के करीबी माने जाते हैं और सीआईए चीफ के लिए दावेदारों की लिस्ट में उनका नाम सबसे ऊपर है। कुछ रिपोर्ट्स का तो यह भी कहना है कि ट्रंप ने चुनाव जीतने से पहले ही यह मन बनाया हुआ था कि अगर उन्हें जीत मिली तो अपनी नई सरकार में वह काश पटेल को ही इस पद की जिम्मेदारी देंगे।

अयोध्या राम मंदिर का समर्थन कर चर्चा में आए थे काश पटेल 

काश पटेल उस समय चर्चा में आ गए थे, जब उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का खुलकर समर्थन किया था और विदेशी मीडिया को एंटी हिंदू बताया था। काश पटेल ने कहा था कि मीडिया अयोध्या के 50 सालों की बात कर रही है जबकि वह भूल रहे हैं कि राम मंदिर का इतिहास 500 साल से भी पुराना है. उन्होंने कहा कि 500 साल पहले हिंदू मंदिर को गिरा दिया गया था जिसके बाद से ही उसके वापस निर्माण की पूरी कोशिश की जा रही थी.

काश पटेल ने विदेशी मीडिया को घेरते हुए कहा था कि मीडिया यह बात बताने से बच रही है जिससे भारत और वहां के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा सके

गुजरात का है काश पटेल का परिवार

काश पटेल का जन्म एक गुजराती परिवार में हुआ है. साल 1970 में काश पटेल के माता-पिता युगांडा से भागकर कनाडा के रास्ते अमेरिका पहुंचे थे। साल 1988 में पटेल के पिता को अमेरिका की नागरिकता मिल गई जिसके बाद से वह परिवार समेत बतौर अमेरिकी नागरिक अपना जीवन बिता रहे हैं. 

वकालत की पढ़ाई की

काश पटेल ने वकालत की पढ़ाई की है. कुछ समय उन्होंने लॉ फर्म में नौकरियां भी कीं. बड़ी फर्म में नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने सरकारी वकील के तौर पर काम करना शुरू किया. साल 2013 में काश पटेल न्याय विभाग में शामिल हुए. जिसके करीब तीन साल बाद साल 2016 में  पटेल को खुफिया मामले से जुड़ी एक स्थायी समिति में कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया. उस दौरान डेविड नून्स इस विभाग के चीफ  थे जो ट्रंप के कट्टर सहयोगी भी माने जाते थे

ऐसे बने ट्रंप के सबसे खास

साल 2019 में जब ट्रंप राष्ट्रपति थे तो उन्होंने जो बाइडेन के बेटे के बारे में जानकारी जुटाने के लिए यूक्रेन पर दबाव बनाया था। विपक्ष ट्रंप की इस हरकत पर काफी नाराज था. इस मामले में ट्रंप किसी कानूनी मामले में न फंसे इसलिए उन्होंने मदद के लिए सलाहकारों की एक टीम बनाई थी जिसमें काश पटेल का भी नाम शामिल था. इसी के बाद से काश पटेल तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते चले गए और ट्रंप की नजरों में भी अपना कद बढ़ाते गए


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