बिहार के एक DTO ने बनाई 19 लाख की अवैध संपत्ति....सरकार की जांच में हुआ खुलासा
PATNA: बिहार प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी ने अवैध संपत्ति अर्जित की थी. जांच में आरोप प्रमाणित पाए गए. अब सरकार ने उन्हें दंड दिया है. हालांकि आय से अधिक संपत्ति का केस अभी न्यायालय में चल ही रहा है. नीतीश सरकार ने कैमूर के तत्कालीन जिला परिवहन पदाधिकारी अनिमेष कुमार के खिलाफ जांच में पाया कि इन्होंने आय से 19 लाख से अधिक अवैध तरीके से अर्जित किया है.
कुल 19 लाख रू अवैध तरीके से अर्जित की
निगरानी ब्यूरो ने कैमूर के तत्कालीन डीटीओ अनिमेष कुमार के खिलाफ 2016 में आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया था. इसके बाद कैमूर समेत अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी. तत्कालीन जिला परिवहन पदाधिकारी अनिमेष कुमार ने अपने बैंकों का पूर्ण विवरण, चल एवं अचल संपत्ति का पूर्ण विवरण नहीं दिया था. साथ ही नाजायज एवं अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करने की बात सामने आई थी. परिवहन विभाग ने इस संबंध में 28 अक्टूबर 2016 को सामान्य प्रशासन विभाग को जानकारी दी . इसके बाद दागी के खिलाफ आरोप पत्र गठित किया गया. पटना प्रमंडल की कमिश्नर को संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया. पटना कमिश्नर ने 20 अप्रैल 2023 को जो रिपोर्ट दिया जिसमें आरो संख्या 1,2 एवं 3 को अप्रमाणित पाया गया. जबकि आरोप संख्या चार को प्रमाणित तथा आरोप संख्या 5 को आंशिक प्रमाणित प्रतिवेदित किया. आरोपी पदाधिकारी अनिमेष कुमार के खिलाफ कुल 19 लाख 21992 रुपए आय से अधिक संपत्ति का आरोप प्रमाणित पाया गया .इसके बाद इन्हें निंदन एवं संचयात्मक प्रभाव से तीन वेतन वृद्धि पर रोक का दंड निश्चय किया गया है. तत्कालीन डीटीओ अनिमेष कुमार वर्तमान में कटिहार में वरीय उप समाहर्ता के पद पर पदस्थापित हैं.
मार्च 2016 में हुई थी छापेमारी
बता दें, 16 मार्च 2016 को निगरानी विभाग की टीम ने एक साथ कैमूर डीटीओ के आवास, कार्यालय व समेकित चेक पोस्ट पर छापेमारी की थी। सुबह से लगभग दस घंटे तक चली छापेमारी में टीम ने पांच लाख से अधिक रुपए व आधा दर्जन से अधिक एटीएम कार्ड बरामद किए गए थे. छापेमारी के क्रम में टीम एमवीआइ के आवास पर भी पहुंची, लेकिन बंद मिलने पर उसे सील कर दिया गया था. तब निगरानी की टीम पूछताछ के लिए डीटीओ अनिमेष कुमार को अपने साथ पटना ले गई थी। छापेमारी के क्रम में टीम एमवीआइ राकेश रंजन के मोहनियां स्थित किराए के आवास पर पहुंची, जहां वे नहीं मिले। बंद आवास को निगरानी ने सील कर दिया था।