Bihar Land Survey: बिहार के CO सरकार के नियंत्रण से बाहर ! मंत्री और ACS ने जब रिव्यू किया तो हक्के-बक्के रह गए, सरकारी फऱमान को ठेंका दिखा रहे अंचल अधिकारी
PATNA: बिहार सरकार ने आधी-अधूरी तैयारी के साथ भूमि सर्वेक्षण( Bihar land survey) का काम शुरू किया है. जमीन सर्वे कराने में न सिर्फ रैयतों को बल्कि सर्वे कर्मियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सर्वे कर्मी और अंचल कार्यालय के कर्मचारी जमीन मालिकों की मदद नहीं कर पा रहे. जमीन से संबंधित कागजात निकालने में भू स्वामियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.इधर, रही सही कसर अंचल अधिकारी पूरी कर दे रहे. दाखिल खारिज में सीओ की मनमानी जारी है. सरकार की तमाम कोशिश के बाद भी अंचल अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सूबे के 170 अंचलाधिकारियों को आज बुधवार को पटना बुलाया था. समीक्षा बैठक में जो बातें उभर कर सामने आई हैं, वो चौकाने वाली है.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री दिलीप जायसवाल और विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह की समीक्षा बैठक में यह बात उभर कर सामने आई है कि दाखिल खारिज के आवेदन धड़ल्ले से खारिज किए जा रहे हैं. परिमार्जन प्लन के तहत दिए आवेदनों पर कोई काम नहीं हो रहा. ऑनलाइन सेवाओं में अस्वीकृति की दर काफी अधिक है। कई बार अस्वीकृति का यह निर्णय जल्दबाजी में या निहित स्वार्थवश लिया जाता है। दाखिल-खारिज के सर्वाधिक 47.93 फीसदी अस्वीकृति के मामले सीतामढ़ी के सुप्पी अंचल में पाए गए. 44 फीसदी अस्वीकृति के साथ पटना का पंडारक दूसरे जबकि 39.9 फीसदी अस्वीकृति के साथ बेगूसराय का साम्हो अखा कुरहा तीसरे स्थान पर था। निर्धारित समय सीमा के बाद लंबित आवेदनों की संख्या सर्वाधिक 7018 रोहतास के सदर अंचल में पाई गई, जबकि 6748 लंबित आवेदनों के साथ पटना सदर अंचल दूसरे स्थान पर और 6428 लंबित आवेदनों के साथ पटना का संपतचक अंचल तीसरे स्थान पर रहा।
पटना सदर अंचल अधिकांश मापदंडों पर फिसड्डी रहा और अंचल अधिकारियों की मासिक रैंकिंग में पटना सदर को अगस्त माह में सबसे नीचे यानि 534वां स्थान प्राप्त हुआ। सदर अंचल अधिकारी ने मात्र 2 फीसदी दस्तावेजों पर डिजिटल हस्ताक्षर किए जबकि वहां मात्र 25 फीसदी सरकारी जमीन की इंट्री की गई। इन्हीं मामलों में जिला का स्कोर क्रमशः 35 फीसदी एवं 90 फीसदी रहा। आज की बैठक में म्युटेशन प्लस के अलावे परिमार्जन प्लस की प्रगति की समीक्षा की गई। परिमार्जन प्लस में डिजिटाइज्ड जमाबंदी एवं छूटी हुई जमाबंदी की अलग-अलग समीक्षा की गई। दोनों में प्रगति को असंताषजनक पाया गया। यह तथ्य भी सामने आया कि 86 अंचल अधिकारियों ने जून माह से अबतक परिमार्जन प्लस में आए एक भी आवेदन का निष्पादन नहीं किया है.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन संस्थान में अंचल अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। डॉ जायसवाल ने जानबूझकर आवेदनों को अस्वीकृत करनेवाले अंचल अधिकारियों की पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निदेश विभाग के अधिकारियों को दिया। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी अंचल अधिकारियों को अक्टूबर तक अपने प्रदर्शन में सुधार करने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि परिमार्जन प्लस पोर्टल पर दिए गए आवेदनों में से 50 फीसदी आवेदनों का निष्पादन हर हाल में अक्टूबर माह के आखिर तक हो जाना चांहिए। इसी तरह उन्होंने म्युटेशन के 6 लाख लंबित मामलों को घटाकर 2 लाख लाने की लक्ष्य दिया है। अपर मुख्य सचिव ने विभागीय अधिकारियों को म्युटेशन एवं परिमार्जन के रिजेक्टेड एवं रिवर्टेड मामलों की रैंडमली यानि बेतरतीब ढंग से जांच करने का आदेश विभागीय अधिकारियों को दिया ताकि यह स्पष्ट हो सके कि अस्वीकृति के पीछे कोई वाजिब कारण है या उसके पीछे अंचल अधिकारियों की मनमानी है।कहा कि जिन अंचल अधिकारियों की मासिक रैंकिंग लगातार खराब रहेगी, वह उनके खिलाफ कार्रवाई का सबसे मजबूत आधार बनेगी। उन्होंने आई0टी0 मैनेजर को कहा कि अक्टूबर माह से हरेक अंचल अधिकारी का पिछले 6 माह का रैंकिंग भी तैयार करें।
सचिव जय सिंह ने कहा कि अंचल अधिकारी दैनिक और साप्ताहिक आधार पर अपने कर्मचारियों के साथ बैठक करें। लंबित मामलों की रोज प्रगति देखें। जिन मामलों में कागजी साक्ष्य कम हैं उनका फील्ड विजिट कर सत्यापन कर लें। आज की बैठक में पूरे बिहार से 170 अंचल अधिकारियों को बुलाया गया था। बाढ़ के कारण बेगूसराय एवं भागलपुर के अंचल अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुए। बैठक का उद्देश्य ऑनलाइन सेवाओं में जोड़ी गई नई विशेषताओं के बारे में अंचल अधिकारियों को जानकारी देना और उनके फीडबैक के आधार पर इन सेवाओं में और सुधार करना है।